कोरोना ने छीन लिए माता-पिता, बाल कल्याण समिति ने दिया सहारा

इंदौर। कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले या दोनों का इलाज चल रहा है, ऐसे बच्चों की मदद के लिए बाल कल्याण समिति आगे आई है। समिति ने ऐसे 17 बच्चों के रहने व भोजन का इंतजाम किया है। नंदानगर निवासी 14 वर्षीय रणजीत सहित 17 ऐसे बच्चे हैं, जो कोरोना के चलते माता-पिता को खो चुके हैं या दोनों उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। उनका ध्यान बाल कल्याण समिति रख रही है। इंदौर जिले की बाल कल्याण समिति का गठन हाल ही में किया गया है, जिसकी अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल नियुक्त की गई हैं। अन्य सदस्य हैं संगीता चौधरी, अपर्णा दुबे, मनीष दुबे और योगेश जैन। अध्यक्ष पोरवाल ने बताया ऐसे बच्चों का ध्यान रखने वाला कोई नहीं होता, इसलिए हमने 18 साल से कम आयु के बच्चों के लिए रहने का इंतजाम किया है।

किशोर और किशोरियों के लिए पृथक छात्रावास की व्यवस्था की गई है। वहीं छोटे बच्चों के लिए बांबे अस्पताल के पास इंतजाम किया है। यहां भोजन, मनोरंजन, चिकित्सा आदि की सुविधाएं दी गई हैं। ऐसे बच्चे जिनके परिवार में केवल माता या पिता हों और बच्चे के पालन में दिक्कत आ रही हो, वे हमें आवेदन कर सकते हैं। प्रति बच्चे के हिसाब से 2 हजार रुपये की मदद की जाएगा।

संस्था अग्र मंच ने 725 परिवारों को बांटा राशन

कोरोना वायरस का चक्र तोड़ने के लिए लगाए कोरोना कर्फ्यू के चलते कई जरूरतमंद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। संस्था अग्र मंच ने ऐसे ही लोगों को राशन बांटा है, जिसमें आटा, दाल, चावल, दलिया, तेल, नमक, शकर, मसाले के पैकेट शामिल हैं। बीते एक सप्ताह में संस्था ने करीब 725 परिवारों को मदद पहुंचाई है। संस्था अग्र मंच के संरक्षक शैलेष गर्ग व संस्थापक आशीष गोयल ने बताया कि लोगों की मदद के लिए समाज के कई वरिष्ठजन आगे आए हैं, जिन्होंने संस्था को सहयोग राशि दी है। उनकी मदद से परिवारों को राशन बांट गया है।

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