मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के बढ़ते खतरे के मद्देनजर राजधानी लखनऊ में पुलिस आयुक्त से कहा कि धर्मस्थलों में पांच से अधिक लोगों को एक साथ प्रवेश की अनुमति न दी जाए। बाजारों में व्यापारियों से संवाद बनाकर उनका सहयोग लेते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। कंटेनमेन्ट जोन में आवागमन को प्रतिबंधित किया जाए। मास्क न लगाने वालों पर सख्ती की जाए। एक संक्रमित मरीज से 25 मीटर के दायरे और एक से अधिक संक्रमित मरीजों की स्थिति में 50 मीटर के दायरे को कंटेनमेन्ट जोन बनाया जाए। कंटेनमेंट जोन में पीपीई किट का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को लोक भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लखनऊ में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने कोविड कंट्रोल रूम और शहर के सभी कोविड अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बलरामपुर अस्पताल में 300 बेड का डेडीकेटेड कोविड अस्पताल रविवार की सुबह से चालू कराने के निर्देश दिए। यहां 20 बेड के आईसीयू समेत आइसोलेशन के बेड होंगे। मुख्यमंत्री ने अफसरों को एरा मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज और इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में बदलने का निर्देश दिया। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, सचिव चिकित्सा शिक्षा को एरा मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज और इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में से एक-एक मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य मंत्री को बलरामपुर चिकित्सालय का भ्रमण कर डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाने की कार्यवाही को शीघ्र व प्रभावी ढंग से सम्पन्न कराने को कहा।
टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू होगी
मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जिलों लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू करने को कहा है। उन्होंने कानपुर के रामा मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में चलाने का निर्देश भी अफसरों को दिया है। यह भी कहा कि प्रदेश में रोज हो रही कोविड जांचों में कम से कम एक लाख आरटीपीसीआर जांच की जाएं।
व्यापक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कराएं
लखनऊ में व्यापक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के निर्देश देते हुए योगी ने कहा कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए कम से कम 30 से 35 लोगों को ट्रेस करते हुए उनका शत-प्रतिशत कोविड टेस्ट कराया जाए। जांच में संक्रमित मिलने वालों को होम आइसोलेशन या अस्पताल में रखा जाए। इन्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को एंबुलेंस सेवाओं से जोड़ा जाए। इससे मरीज को समय से एंबुलेंस उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।