भारत के बाद अब ब्रिटेन में भी कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस जैसे घातक संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसे परफेक्ट कोविड तूफान बताया है। कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों में या जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हैं उनमें इस तरह के घातक संक्रमण देखने को मिल रहे हैं। हालांकि अधिकांश लोग इससे संक्रमित होने पर भी इससे बच सकते हैं लेकिन जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर उन्हें इससे काफी खतरा है।
अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) में माइकोटिक डिजीज के प्रमुख डॉ. टॉम चिलर ने बताया कि कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड कुछ मामलों में लोगों के लिए काफी घातक सिद्ध हो रहे हैं। यह इन लोगों के सच में परफेक्ट कोविड तूफान साबित हो रहा है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सैकड़ों मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए थे।
यह होता है कारण
यह दुर्लभ स्थिति म्यूकर माइकोसिस के कारण होती है जो कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को अपना निशाना बनाती है। जिससे मरीजों की मौत भी हो जाती है। ये फंगस वातावरण में भी पाए जाते हैं जो सांस लेने पर चेहरे और मस्तिष्क में फैलने से पहले फेफड़ों और साइनस पर हमला करते हैं। ब्लैक फंगस आंख में धुंधलेपन, सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई का कारण बनता है।
ब्रिटेन में हफ्तेभर में कोरोना मामले 70 फीसदी बढ़े
ब्रिटेन में पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण के मामलों में 70 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है। हालांकि दूसरी लहर के दौरान एक ही समय की तुलना में अब भी अस्पतालों में दस गुना कम मरीज हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 21,125 नए मामले सामने आए जबकि पिछले शुक्रवार को यह संख्या 15,810 ही थी। इसके साथ ही लगातार पांचवें दिन कोरोना के मामलों की संख्या 20 हजार से ज्यादा रही। नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि 28 जून को कोरोना संक्रमित 304 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे। इसके साथ ही एक दिन में कोरोना से 27 लोगों की मौत भी हो गई जो पिछले शुक्रवार की तुलना में 50 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि जनवरी के अंत में जब दैनिक मामले 20,000 से ऊपर आ रहे थे तब हर दिन एक हजार से अधिक मौतें हुईं। उसकी तुलना में यह काफी कम है।