नोटबंदी की घोषणा के बाद दो महीने से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन जनपद स्थित बैंकों के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। कैश की कमी के कारण लगन के मौसम में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सेविंग एकाउंट से पैसे निकालने की सीमा न बढ़ने से भी लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कैश की कमी के कारण सभी एटीएम में भी पैसे नहीं डाले जा रहे हैं।
मकर संक्रांति के बाद शादी-ब्याह शुरू हो गए है। वहीं किसान गेहूं की सिंचाई कर उसमें खाद डालने की फिराक में है। वहीं जनपद के ज्यादातर बैंकों में कैश की कमी है। सबसे ज्यादा सेविंग खाता रखने वालों को परेशानी हो रही है। क्योंकि उन्हें हफ्ते में मात्र 24000 ही निकालने को मिल रहे हैं। व्यापारियों द्वारा जमा होने वाले कैश से लेनदेन का काम चल जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में दिक्कत है।
सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि सरकारी बैंकों के एटीएम खाली हैं कुछ प्राइवेट बैंकों के एटीएम हैं जिनसे पैसे निकल रहे हैं। जिन पर सुबह से ही लंबी लाइन देखने को मिल रही है। गुरुवार को नगर के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम पर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई थी। वहीं नगर के एलवल स्थित यूनियन बैंक शाखा पर लगे एटीएम पर भी लोगों की भीड़ लगी हुई थी। हालांकि गुरुवार को कहीं से भी लोगों के हंगामें की सूचना नहीं आई। वहीं एलडीएम एक दो दिन में हालात सामान्य होने की संभावना जता रहे हैं।
इस समय कैश की बहुत किल्लत है। कैश की कमी के कारण गुरुवार को यूबीआई के मात्र चार से छह एटीएम से ही पैसे निकले। एक दो दिन में हालात सामान्य होने की संभावना है। – मनोज कुुमार, एलडीएम