आयकर विभाग के अफसर पिछले 3-4 दिनों से यूपी और उत्तराखंड में मलाइदार माने जाने वाले विभागों के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे हैं। आयकर विभाग ने इन अफसरों के पास अकूत संपत्ति का खुलासा किया है जिसे जानकर कोई भी दंग हो जाए। मायावती के कार्यकाल में नोएडा अथॉरिटी के ओएसडी रहे यशपाल त्यागी के पास 200 करोड़ की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ है तो उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड (UPRNN) के जनरल मैनेजर शिव आश्रय शर्मा के ठिकानों पर छापे के दौरान 600 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। इसी तरह यूपी के सेल टैक्स डिपार्टमेंट के अडिशनल कमिश्नर केशव त्यागी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 10 करोड़ रुपये कैश और सोना मिला है।
यूपी निर्माण निगम के जीएम के पास लग्जरी गाड़ियां, 600 करोड़ की संपत्ति:
उत्तराखंड में दो दिनों की छापेमारी के बाद इनकम टैक्स को यूपी राजकीय निर्माण निगम के जीएम शिव आश्रय शर्मा के पास से 600 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली है। विभाग ने मंगलवार सुबह शर्मा, उनके चहेते ठेकेदार अमित शर्मा और एक न्यूज चैनल के आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें खुलासा हुआ है कि शर्मा ने काली कमाई से परिवार के सदस्यों के नाम से अचल संपत्तियां खरीदीं। इनमें देहरादून में 100 एकड़ के फार्महाउस के अलावा कई शहरों में बड़ी जमीनें हैं। उनके परिवार के पास रेंजरोवर, ऑडी, बीएमडब्लू मिलीं। अमित शर्मा के आवास से निगम से जारी करोड़ों की भुगतान पर्चिंयां मिलीं लेकिन इनका रेकॉर्ड आईटीआर में नहीं है। उसके पास 40 लाख कैश और दो किलो जूलरी भी मिली।इनकम टैक्स ने गुरुवार को नोएडा के पूर्व ओएसडी यशपाल त्यागी के घर, ऑफिस समेत 4 ठिकानों पर छापे मारे। सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी के दस्तावेज हाथ लगे हैं। त्यागी पर आरोप है कि जब वह नोएडा, ग्रेटर नोएडा के ओएसडी थे तो उन्होंने बिल्डरों को मनमाने ढंग से जमीनें आवंटित कीं और बदले में उनसे फायदा लिया।
गुरुवार सुबह 8 बजे इनकम टैक्स विभाग नोएडा की इन्वेस्टिगेशन टीम ने सेक्टर 50 के बी-100 स्थित त्यागी के घर पर छापा मारा। कार्रवाई देर शाम तक चली। दूसरी टीम ने सेक्टर 15ए में उनके पार्टनर के घर छापे मारे। तीसरी टीम ने गाजियाबाद स्थित त्यागी के ऑफिस में और चौथी टीम ने दिल्ली में उनकी कंपनी के डायरेक्टर के यहां छापेमारी की। नोएडा इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के सेक्टर 67 स्थित ऑफिस में भी देर शाम रेड पड़ी।
बिल्डरों को सिर्फ दस फीसदी रकम जमा कराने पर अलॉटमेंट लेटर मिल जाएगा, यह नियम तब लागू हुआ जब यशपाल त्यागी 2007 में नोएडा अथॉरिटी में ओएसडी बनकर आए थे। इससे पहले नोएडा में 30 फीसदी रकम देने पर ही प्लॉट का आवंटन होता था। इस स्कीम में यह सुविधा भी दी गई थी कि दस फीसदी रकम जमा कराने के बाद न सिर्फ लीज डीड कराई जा सकती है, बल्कि बिल्डर इन प्लॉटों को छोटे-छोटे टुकड़ों में भी बेच सकते थे। आज नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बेनामी कंपनियां बनाकर कुकुरमुत्ते की तरह उगे बिल्डर यशपाल त्यागी की इसी पॉलिसी की देन हैं। इसकी वजह से तीनों अथॉरिटी के तीस हजार करोड़ रुपये से अधिक फंस गए हैं। हालत यह हो गई है कि कई बिल्डर पिछले पांच से सात साल में अपने प्लॉट पर एक ईंट भी नहीं लगा पाए हैं। अथॉरिटी ने छह से लेकर 25 साल तक कंप्लीशन तक के प्रोजेक्टों को थोक में जमीन अलॉट की। गुरुवार को यशपाल त्यागी के नोएडा स्थित आवास व गाजियाबाद और दिल्ली के दफ्तर पर इनकम टैक्स ने रेड की।
फार्म हाउस में आवंटन में धाधली
2008 में फार्महाउस की स्कीम के लिए जमीन नहीं थी। उससे पहले ही स्कीम निकाल दी गई। इंटरव्यू के आधार पर अलॉटमेंट किए गए। इस स्कीम के लिए सिर्फ पांच दिन में ही सब कुछ तय कर लिया गया। इस टीम के मुखिया यशपाल त्यागी ही थे। फार्महाउस के लिए जमीन ढूंढी जाने लगी थी। रेट 3200 रुपये वर्ग मीटर तय किए गए। तब अथॉरिटी के फाइनैंस डिपार्टमेंट ने इस पर आपत्ति जताई। फाइनैंस डिपार्टमेंट ने फार्महाउस लैंड की लागत ही पांच हजार रुपये वर्ग मीटर बताई थी। यह सब ओपन एंडेड स्कीम में हुआ। इस स्कीम में लगभग 155 फार्महाउस आवंटित हुए थे। तब बीएसपी से जुड़े गाजियाबाद के एक बिजनेसमैन को 42 फार्महाउस अलॉट हुए थे। इसमें कई फार्महाउस कॉरपोरेट ग्रुप को उनके दफ्तर के सामने तक आवंटित कर दिए गए। इतना ही नहीं, उन्हें मर्जर तक की इजाजत दी गई।
कार्पोरेट हाउस में गडबडी
2008 में ही नोएडा में ओपन एंडेड स्कीम के तहत करीब 300 कॉरपोरेट ऑफिस की स्कीम लाई गई। इस स्कीम में आनन-फानन में आवेदन मांगे गए। गिने-चुने चेहरे जिन्होंने फार्महाउस लिए, उन्होंने ही कॉरपोरेट ऑफिस के लिए अप्लाई कर दिया। सस्ती दरों पर हुई जमीन के जब आवंटन का सवाल उठा तो अथॉरिटी ने अचानक कॉरपोरेट आफिस की पॉलिसी में चेंज करते हुए रेट बढ़ा दिए थे।
बेटे को विधायक बनाना चाहता था त्यागी
यूपीएसआईडीसी में पूर्व जॉइंट एमडी और नोएडा अथॉरिटी के पूर्व ओएसडी यशपाल त्यागी ने हाल ही में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को बीजेपी का टिकट दिलाने के लिए काफी जोर-आजमाइश की थी। यह जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि एक योग गुरु ने भी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर उनके बेटे को टिकट दिलाने की पैरवी की थी। हालांकि टिकट यशपाल के बेटे के बजाय उनके भतीजे को मिल गया और वह चुनाव जीतकर विधायक भी बन गया। यशपाल त्यागी के बड़े भाई बीएसपी और एसपी दोनों ही सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। इनकम टैक्स की टीम गुरुवार को उनके राजनगर सेक्टर-10 स्थित एक ऑफिस में पहुंची थी। इस ऑफिस में यशपाल के बेटे का आना-जाना रहता है। हालांकि यहां क्या मिला, इस संबंध में टीम ने किसी से कोई बात नहीं की।