निर्धारित 90 मिनट के शरुआती खेल में दोनों टीमें पहले हाफ में 1-1 गोल कर सकीं। मैच का पहला गोल केरल के लिए 37वें मिनट में फारवर्ड मोहम्मद रफी ने मेहताब हुसैन के कार्नर क्रास शानदार हेडर लगाकर किया। लेकिन कोलकाता ने जल्दी ही गोल कर बराबरी कर ली। समीघ दुटे के कार्नर पास पर पुर्तगाली डिफेंडर हेनरिक सेरेनो ने हेडर का जवाब हेडर के जरिए देते हुए मैच को 1-1 की बराबरी पर ले आए। दूसरे हाफ में दोनों टीमों में से कोई गोल नहीं कर सका।
उमस भरे माहौल में 30 मिनट के अतिरिक्त समय में भी कोई गोल नहीं हुआ। नतीजतन मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से हुआ। इसमें कोलकाता ने बाजी मारते हुए दूसरी बार यह खिताब अपने नाम कर लिया। केरल ने सेमीफाइनल में हुए शूटआउट में दिल्ली को हराकर फाइनल में जगह पक्की की थी।
शूटआउट भी बेहद रोमांचक हुआ। केरल के लिए पहला प्रयास टिमोथी जर्मन ने किया और वह सफल रहे। इसके बाद कोलकाता के लिए इयान ह्यूम ने पहला प्रसास किया लेकिन केरल के गोलकीपर ग्राहम स्टाक ने गेंद को गोल में जाने से रोक दिया। केरल के लिए दूसरा प्रयास केरवेंस बेलफोर्ट ने किया। वह एटीके के गोलकीपर देबजीत मजूमदार को छकाने में सफल रहे। कोलकाता के लिए दूसरा प्रयास समीघ दुटे ने किया और वह सफल रहे। तब तक स्कोर 1-2 हो चुका था।
केरल के लिए तीसरा प्रयास इडाजी नदोए ने किया लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट के ऊपर से बाहर चला गया। कोलकाता के लिए तीसरा प्रयास करने बोर्जा फर्नाडीज आए। वह गेंद को गोल पोस्ट के अंदर पहुंचाने में सफल रहे। इसके साथ स्कोर 2-2 की बराबरी पर आ गया। केरल के लिए चौथा प्रयास मोहम्मद रफीक ने गेंद को गोल तक पहुंचाने में कोई गलती नहीं की। इसके साथ ही केरल ने 3-2 की बढ़त हासिल कर ली। लेकिन एटीके के लारा ग्रांडे ने गोल करते हुए स्कोर 3-3 कर लिया।
हेंगबार्ट ने एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाई लेकिन वह केरल के लिए लकी साबित नहीं हुए। अब सारे समीकरण कोलकाता के ज्वेल शेख के प्रयास पर निर्भर हो गए। राजा ने जैसे ही गेंद को गोल के पार पहुंचाया कोलकाता ने वैसे ही इतिहास गोल करते हुए अपनी टीम को एतिहासिक जीत दिला दी। शेख के इस गोल के बाद खचा-खच भरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया लेकिन जो थोड़े बहुत कोलकाता के प्रेमी यहां मौजूद थे, उनकी खुशी देखने लायक थी।