अपनी मेहनत और लगन से बांसडीह विधान सभा में बीजेपी की बुनियाद मजबूत करने वाली बीजेपी नेत्री का टिकट काटकर मनोज सिन्हा की गणित ने बलिया में भाजपा कार्यकर्ताओं को उलझाकर रखा दिया है . सरकार उसी पार्टी की बनती जबा बलिया से कमसे कम चार सीट कोई भी पार्टी जीत ले लेकिन केतकी सिह का टीकट नही मिलने से बलिया में बीजेपी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है ऐसे में वर्षो से वनवास झेल भाजपा का अतिविश्वास इस बार भी यूपी में सत्ता सुख से वंचित रहा सकता है .
बीजेपी और बीएसपी में कोई ख़ास अन्तर नही बचा है इन दोनों पार्टियों को इन्ही पार्टी के कार्यकर्ता बलिया जिले में जमीनी नेता कार्यकर्ताओं का टीकट काटने के बाद बागी जनता पार्टी तो बागी समाज पार्टी नाम दी है . बलिया जिला का सबसे चर्चित राजनीतिक चेहरा भाजपा नेत्री को टिकट नहीं मिलने से बांसडीह विधान सभा की जनता ही नहीं बलिया जिले की जनता भाजपा आला कमान के फैसले से नाराज है . बलिया जिले के सभी विधान सभा सीट को भाजपा नेत्रित्व के नादान हैसले से राजपूत समाज नाराज है . जिसका चुनाव पर असर पड़ेगा . बलिया जिले की जनता केतकी सिह के काम और जनता की सेवा का बखान कर रही है . विरोधी भी मान रहे है कि बांसडीह से केतकी को भाजपा टिकट दी होती तो जीत पक्की थी .
बांसडीह विधान सभा का इतिहास रहा है कि कोई भी आयातित प्रत्याशी कभी भी चुनाव जीता नही है . इसको कई बार बड़ी पार्टिया दुसरे जिले के उम्मीदवार को मैदान में उतार के देख चुकि है हार का सामाना ही हूआ है . अरविन्द राजभर को भी विधान सभा की जनता स्वीकार कर रही है की नही यह तो चुनाव बाद पता चल जाएगा . भाजपा की सभी इकाईयो के नेता केतकी सिंह के पक्ष में खडे है . इससे चुनाव से पहले ही भाजपा गठ बंधन की गाठ टूटती नजर आ रही है . चुनाव मैदान में जब कार्यकर्ता अस्न्तुस्ट हो तो उस पार्टी की जीत कभी हो ही नही सकती है .
भाजपा आला कमान को लोकनिर्माण टाइम्स की इस लेख पर विचार करना चाहिए और जन जन के दिलो में घर बना चुकी अपनी नेत्री को मनाकर चुनाव लड़ाए या चुनाव प्रचार में लगाए नही तो बलिया जिले में सभी सीटो पर अच्छा प्रदर्शन करने से चूका जाएगी .