केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में महागठबंधन ने शनिवार को राज्यभर में मानव शृंखला का आयोजन किया है। महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि राज्य के हर गांव के चौक चौराहों तक मानव शृंखला बनाई जाएगी। इसके जरिए लोगों को कृषि बिलों की खामियां भी समझाई जाएंगी। कहा गया कि पार्टी नेता आयोजन के अनुशासित रहने का ध्यान रखें। नेताओं ने कहा कि बिहार के किसान ट्रेनें कम चलने से आंदोलन में भाग नहीं ले पाए हैं।
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि कृषि कानूनों के जरिए किसानों की जमीन पूंजीपतियों को सौंपने की तैयारी है। कहा कि बचपन से जय जवान-जय किसान का नारा सुनते आए थे लेकिन, भाजपा सरकार फंडदाताओं के लिए जवान और किसान को ही आपस में लड़वा रही है। महागठबंधन शुरुआत से किसानों के संघर्ष में साथ खड़ा है।
तेजस्वी ने कहा कि सरकार यह भूल गई है कि जवान भी किसान परिवारों से ही हैं। उनमें भी आक्रोश है। दावा किया कि जब राजद की सरकार थी तो एमएसपी से भी अधिक दाम में फसल खरीद हुई थी। नीतीश कुमार ने 2006 में मंडी व्यवस्था खत्म की तो किसान मजदूर बन गये। अगर केंद्र के कृषि कानून लागू हुए तो किसान भिखारी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के साथी पूछना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं। उन्हें बताना चाहिए कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं या नहीं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने में लगी है। हम लोग एकजुट होकर जनहित के मुद्दों पर आवाज बुलंद करते रहेंगे। तेजस्वी बोले, मानव शृंखला हमारे संघर्ष का अंत नहीं है। संघर्ष जारी रहेगा।