उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम-जोंग-उन का वजन पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। किम जोंग लगभग एक महीने तक लोगों की नजरों से गायब रहे थे और उसके बाद जब जून में वह सबके सामने आए तो उनका वजन बेहद कम दिखाई दिया। उनके वजन को देखकर उनकी सेहत के बारे में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे थे। लेकिन उत्सुकता वाली बात यह है कि उत्तर कोरिया के नेता के वजन को लेकर पूरी दुनिया में इतनी चर्चा क्यों?
दरअसल पूरी दुनिया ही उत्तर कोरिया पर किम-जोंग-उन की पकड़ के बारे में सुराद ढूंढ रही है। किम के परिवार में हृदय रोग का इतिहास है जिसके बाद से लोगों की उनके स्वास्थ्य और वजन में उत्सकुता बढ़ गई है।
बेहद नियंत्रित सरकारी मीडिया ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि देश के लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं। चैनल पर प्योंगयांग के एक निवासी का बयान भी प्रसारित किया गया, जिसने किम के ताजा वीडियो फुटेज को देखकर देश के सर्वोच्च नेता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की। एक निवासी ने सरकारी मीडिया से कहा कि किम जोन के वजन की चर्चा तब शुरू हुई जब लोगों ने उनके कमजोर शरीर को देखा। निवासी ने बताया कि किम जोन को देखकर लोगों की आंखों से आंसू निकल आए
20 किलो वजन हुआ कम
किम जोंग के पतले होने की रिपोर्ट 4 जून के बाद सामने आई। दक्षिण कोरिया की मीडिया ने भी किम के वजन को लेकर रिपोर्ट दी थी। किम जोंग उन की कमर के चारो ओर बंधी बेल्ट को दिखाते हुए दक्षिण कोरिया की मीडिया ने बताया कि उत्तर कोरिया के नेता पतले हो गए हैं। किम (5 फीट 8) का वजन कुछ महीने पहले 140 किलोग्राम से ज्यादा था। हाल ही में उनको देखे जाने के बाद, दक्षिण कोरियाई मीडिया दावा कर रहा है कि उन्होंने लगभग 20 किलो वजन कम किया है।
37 साल की किम जोंग अपने पिता के बाद से उत्तर कोरिया को संभाल रहे हैं. 2011 में उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता के रूप में पदभार संभालने वाले किम के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
पश्चिमी देशों को समस्या
पिता की मौत के बाद 1995 में उत्तर कोरिया के नेता बने थे। 1948 में इसकी स्थापना के बाद किम-इल-सुंग ने उत्तर कोरिया पर शासन किया था। उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम पश्चिमी देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बड़ी समस्या रही है, इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि इस छोटे देश ने दुनिया से अपने संबंध तोड़ लिए हैं।
कोरोना काल में दुनियाभर से संबंध तोड़ने के बाद किम ने कुछ सप्ताह पहले दावा किया था कि उत्तर कोरिया में संक्रमण का एक भी मामला नहीं है। अमेरिका की बात करें तो यह उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और किम जोंग उन के बाद आने वाले देश के भविष्य से निपटना चाहता है।
पहले भी रहे थे लापता
महीने भर लापता होने से पहले, किम 2014 में छह सप्ताह के लिए लोगों की नज़रों से दूर रहे थे। यह सबसे लंबा समय था जब किम इतने दिनों तक जनता की नज़रों से दूर रहे। जब वह वापस आए, तो किम को बेंत के सहारे चलते देखा गया, जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह गाउट से पीड़ित है। किम के स्वास्थ्य को लेकर अक्सर कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं लेकिन आधिकारिको तौर पर आज तक कुछ भी सामने नहीं आया है