रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कोविड-19 कोरोना वायरस के मौजूदा संकट के बीच अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा रिपोर्ट पेश की। RBI ने यह तो कहा है कि देश की आर्थिक विकास दर पर काफी दबाव है, लेकिन यह दबाव कितना है यह इस बात से तय होगा कि कोविड-19 कितने दिनों तक रहता है और इसका असर क्या होता है। हालांकि उन्होंने यह साफ कर दिया है कि महंगाई की स्थिति बिगड़ेगी नहीं। फल-सब्जियों व मोटे अनाजों का पर्याप्त उत्पादन होगा जिससे राहत रहेगी। लेकिन केंद्रीय
बैंक ने महंगाई का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है।
वित्त मंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था पर संकट को कम करने में मदद के लिए 1.7 लाख करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के ठीक एक दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने इन चुनौतीपूर्ण समय में सहायता के उपायों के एक सेट के साथ बाहर आ गया है। इसमें लोन रीपेमेंट्स और रेपो रेज में बदलाव शामिल है।इस कठिन समय में RBI की ओर से जो सबसे बड़ा कदम उठाया गया है उसमें लोन EMI को लेकर 3 महीने की मोहलत है। इसका मतलब है कि आपकी EMI 3 महीने पीछे धकेल दी जाएगी और आपको जून महीने से मौजूदा लोन पर किश्तों का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। इससे निश्चित रूप
रूप से उन लाखों वाहन मालिकों का फायदा होने वाला है जिनकी कार और बाइक लोन पर चल रही है।
RBI द्वारा जारी पहले एक सर्कुलर में कहा, “सभी टर्म लोन (कृषि अवधि लोन, खुदरा और फसल लोन सहित) के संबंध में, सभी कमर्शियल बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों
छोटे वित्त बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित), को-ओपरेटिव बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान, और NBFC (आवास वित्त कंपनियों सहित) (“लोन देने वाली संस्थाएं”) को 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 के बीच गिरने वाले सभी पहले इस्टॉलमेंट्स के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति है।