कानपुर IIT के ड्रोन ने अमेरिका में मनवाया लोहा:दुश्मनों की घुसपैठ को रोकेगा विभ्रम ड्रोन; तेजी से उड़ान भरने के साथ सेफ लैंडिंग है इसकी खासियत, रेस्क्यू ऑपरेशन में करेगा मदद

कानपुर IIT ने एक ऐसा हल्का ड्रोन तैयार किया है। इस ड्रोन की डिजाइन हेलीकॉप्टर जैसी है। तेजी से ऊंचाई पर जाने और लैंडिंग की खासियत वाला यह ड्रोन सेना के लिए बनाया जा रहा है। यह ड्रोन देश में अवैध तरीके से घुसने वाले घुसपैठियों को खोजने और उनको सरेंडर करने के लिए मजबूर करेंगे। इस ड्रोन हेलीकॉप्टर को विभ्रम नाम दिया गया है। हाल ही में अमेरिका में हुई एक प्रतियोगिता में इसे तीन अवार्ड मिले हैं। आईआईटी कानपुर द्वारा निर्मित इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी काफी पसंद किया जा रहा है। इस ड्रोन को सेना के लिए स्पेशल तौर पर तैयार किया गया है।

सेना के लिए बनाया जा रहा ये स्पेशल लाइट वेट ड्रोन
इस ड्रोन को खास तौर पर सेना के लिए बनाया जा रहा है। यह ड्रोन से देश की सीमाओं में घुसने वाले दुश्मनों पर खास तौर से नजर रखने के लिए बनाया गया है। साथ ही इसमे लगे कैमरा और जीपीएस सिस्टम से घुसपैठियों की लोकेशन सटीक अंदाजा लग सकता है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भी है बढ़िया विकल्प
आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सीनियर साइंटिस्ट प्रो अभिषेक ने अपनी टीम के साथ मिल कर विभ्रम को तैयार किया है। प्रो अभिषेक ने बताया, ड्रोन को क्यूआरटी क्विक रिएक्शन टीम की तर्ज पर तैयार किया है। जैसे जब भी कहीं कोई आपदा या कोई बड़ी घटना होती है, जहां कोई टीम समय रहते नहीं पहुंच सकती, वहां यह फर्स्ट रेस्पॉन्डर की तरह काम करेगा। जैसे उत्तराखंड में बाढ़ आई थी, वहां लोग ऐसी ऐसी जगह फस गए थे जहां उनका मोबिल भी काम नहीं कर रहा था और बाढ़ के कारण वह लोग वहां फस गए थे। ऐसे हालात में यह ड्रोन उन फसे हुए लोगों तक मेडिकल, कम्युनिकेशन और खाने जैसी चीजों को आराम से पंहुचा सकता है।

एक घंटे तक 8 से 10 किलोमीटर तक उड़ सकता है यह ड्रोन…
प्रो अभिषेक ने बताया, इस बनाए गए ड्रोन को बिना रुके डेढ़ से दो घंटे तक 5 किलोग्राम के वजन के साथ उड़ाया जा सकता है। यह तेज गति में उड़ान भरने के साथ अधिक ऊंचाई पर जा सकता है। अचानक लैंडिंग करने में भी माहिर है। यह हेलीकॉप्टर की डिजाइन का बना ड्रोन है।

अमेरिका में तीन अवार्ड जीत जीते
प्रो अभिषेक ने बताया, ड्रोन विभ्रम ने अमेरिका, इजरायल, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, चीन, इंग्लैंड समेत अन्य देशों को अपनी खूबियों से मात दी है। इस ड्रोन को चेक करने के लिए अमेरिका ने जो पैरामीटर तैयार किए थे उन पर यह खरा उतरा है। अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता की अलग-अलग श्रेणियों में तीन अवार्ड मिले हैं। सस्ती लागत, सबसे कम वजन और सबसे सरल डिजाइन के लिए यह अवार्ड दिए गए है।

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