कोरोना की संभावित थर्ड वेव को लेकर कानपुर में बच्चों के लिए स्पेशल गवर्नमेंट हॉस्पिटल को शुरू किया जाना है। कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू हॉस्पिटल को बच्चों के लिए शुरू करने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दी थी। गुरुवार को नगर निगम सदन इस मुख्य मुद्दे को लेकर ही बुलाया गया था। लेकिन 2 दिन चले सदन में एक बार भी न तो महापौर और न ही पार्षदों ने इस मुददे को उठाया। 17 जून को सदन में हंगामे के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए फिर स्थगित कर दिया गया।
कानपुर महापौर और नगर आयुक्त में बढ़ी तल्खी दरअसल, महापौर और नगर आयुक्त दोनों के बीच काफी लंबे समय से विकास कार्यों समेत अन्य मुद्दों को लेकर मतभेद चल रहे हैं। गुरुवार को जल निगम अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार से खफा नाराज नगर आयुक्त ने पार्षदों पर कार्रवाई करने को और न करने पर सदन का स्थगित करने को कहा। इस पर महापौर ने भी तल्ख शब्दों में कहा कि मुझे आदेशित नहीं कर सकते हैं। दोनों के बीच सदन में काफी देर तक बहस चली। दोनों के बीच तल्खी बढ़ने से बच्चों के लिए बनने वाले हॉस्पिटल समेत अन्य विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है।
नगर निगम सदन से हॉस्पिटल के लिए बजट को पास किया जाना था
60 साल पुराने कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू हॉस्पिटल को नगर निगम ही पहले संचालित करता था। यह पहले भी बच्चों का ही हॉस्पिटल था। महापौर प्रमिला पांडेय ने इसे शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा। इस पर उन्होंने हरी झंडी दे दी। 4 करोड़ 43 लाख रुपए से इसे शुरू किया जा रहा है। इस बजट को नगर निगम सदन से पास किया जाना था। लेकिन 15 जून और 17 जून को हुए सदन में एक बार भी इस मुद्दे को न तो महापौर ने उठाया और न ही पार्षदों ने उठाया।
क्षेत्रीय पार्षद बोले-थर्ड वेव में बच्चों पर असर पड़ सकता है
2 दिन चले सदन में से चाचा नेहरू हॉस्पिटल को लेकर न तो महापौर ने कोई चर्चा की और न ही 109 पार्षदों ने कुछ बोला। सभी अपने-अपने एजेंडा को लेकर 2 दिन बोलते रहे। गुरुवार को सदन में हुए हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। इस बीच क्षेत्रीय पार्षद विकास जायसवाल ने चाचा नेहरू हॉस्पिटल को लेकर सदन में बच्चों के हॉस्पिटल का हवाला दिया। यहां तक कहा कि इसका असर आने वाली थर्ड वेव में बच्चों पर भी पड़ सकता है। इसका पास होना बेहद जरूरी है। बावजूद इसके कोई नहीं माना और सदन को स्थगित कर दिया गया।
पुरानी बिल्डिंग को रेनोवेटकरने में समय लगेगा
इस हॉस्पिटल को कोरोना की थर्ड वेव से बचाने के लिए ओपीडी और ऑक्सीजन सहित 50 बेड का हॉस्पिटल तैयार किया जाना है। 60 साल पुरानी बिल्डिंग को रेनोवेट करने में काफी टाइम लगेगा। इसके लिए सदन से इस प्रस्ताव का जल्द पास होना बेहद जरूरी है। हॉस्पिटल के संचालन में लगभग 100 लोगों का स्टाफ भी रखा जाना है। इसका प्रस्ताव भी नगर निगम से पास होना जरूरी है, क्योंकि इनकी सैलरी भी नगर निगम ही देगा।
महापौर के दावे पर उठे सवाल
महापौर प्रमिला पांडेय ने इसे 15 अगस्त के दिन शुरू करने का दावा किया था। लेकिन गुरुवार को सदन में महापौर प्रमिला पांडेय और नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी के बीच विवाद की गहराई और ज्यादा बढ़ गई है। इससे विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है।
हॉस्पिटल में मिलेंगी ये सुविधाएं
बिल्डिंग रेनोवेशन- 2.50 करोड़ रुपएसेंट्रली एयरकंडीशन- 45 लाखलिफ्ट व फॉल सीलिंग- 40 लाखओवरहेड और अंडरग्राउंड वाटर टैंक- 60 लाख