सार
केंद्र की गाइडलाइन पर मंथन कर रही है दिल्ली सरकार
सरकार को हर माह 500 करोड़ के राजस्व का नुकसान
व्यापारी भी दिल्ली सरकार के आदेश के इंतजार में हैं
विस्तार
दिल्ली के बाजार खुलने के बाद अब शॉपिंग मॉल खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। व्यापारी भी दिल्ली सरकार के आदेश के इंतजार में हैं। सरकार का आदेश मिलते ही आठ जून से दिल्ली के 100 से अधिक छोटे-बड़े मॉल व शॉपिंग सेंटर खुल जाएंगे।
इसे लेकर शनिवार को सभी मॉल मालिकों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई। इसमें सभी मॉल मालिकों ने सरकार के दिशा-निर्देश के आधार पर ही मॉल खोलने की बात कहीं।
आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग की तरफ से आयोजित बैठक में दिल्ली के प्रमुख मॉल, शॉपिंग सेंटरों के मालिकों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद आप ट्रेड विंग के दिल्ली प्रदेश संयोजक बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि मॉल मालिकों ने कहा कि जिस तरह दिल्ली में दुकानें, फैक्ट्रियां, सैलून खुल गए हैं, उसी तरह मॉल्स और शॉपिंग सेंटरों को भी खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए।
दिल्ली में छोटे बड़े लगभग 100 मॉल है। इनमें से 30 मॉल ऑर्गेनाइजड हैं। इनके बंद होने से दिल्ली सरकार को लगभग 500 करोड़ रुपये प्रति माह राजस्व का नुकसान हो रहा है क्योंकि हर मॉल से लगभग 3 से 10 करोड़ प्रति माह सरकार को राजस्व मिलता है। यूनिटी मॉल ग्रुप के मालिक हर्षवर्धन बंसल ने कहा कि शॉपिंग सेंटर बंद होने से 10 हजार लोगों के रोजगार पर संकट आ गया है।
मॉल मालिकों का यह भी कहना था कि हर मॉल में एक एंट्री और एक एक्जिट प्वाइंट होगी ताकि भीड़ नहीं लगे। कर्मचारियों को पीपीई किट से लैस किया जाएगा। इसी तरह फेस शील्ड और मास्क पहनना अनिवार्य होगा और हर एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा होगी। शॉपिंग सेंटर एसोसिएशन के चेयरमैन अमिताभ तनेजा का कहना था कि ज्यादातर मॉल रेंटल लीज होल्ड पर हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में 8 जून से शॉपिंग मॉल्स को भी खोलने की इजाजत दी गई है। हालांकि अभी दिल्ली सरकार ने अंतिम निर्णय नहीं लिया है। संभव है कि दिल्ली सरकार केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ठोस कदम उठाए।