केंद्र सरकार 15 साल पुराने कमर्शियल और 20 साल पुराने निजी वाहनों को कबाड़ नीति के तहत सड़कों से हटाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत सरकार ने पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्रों की स्थापना, पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित करने, विघटन प्रक्रिया, पुनर्चक्रण आदि को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें उक्त केंद्रों व राज्य सरकारों की शक्तियों व दायित्वों का उल्लेख है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 03 जून को ऑटोमोटिव इंडस्ट्रीज स्टैंडर्ड-129 में संशोधन मसौदा जारी कर हितधारकों से सुझाव-आपत्ति मांगी है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोषपूर्ण खटारा वाहनों के सड़कों से हटाने के लिए देशभर में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र (आरवीएसएफ) खोले जाने हैं। उनके पंजीकरण और कार्य संबंधी दिशा-निर्देर्शों के तहत पुराने मोटर वाहनों का निस्तारण, विघटन, स्क्रैप, पुनर्चक्रण सुविधाओं सहित सभी प्रकार के मोटर वाहनों के खराब उत्पाद का पुनर्चक्रण किया जाएगा। उक्त केंद्रों को युवा उद्यमी से लेकर फर्म, संस्था व ट्रस्ट आदि कोई भी खोल सकता है।
उन्होंने बताया कि स्क्रैपिंग केंद्र पुराने वाहनों को जमा करने का प्रमाण-पत्र देंगे और बॉडी-इंजन को सीपीसीबी नियमों के अनुसार विघटित कर स्क्रैप करने का प्रमाण-पत्र जारी करेंगे। इसको दिखाकर नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण में छूट, रोड टैक्स में छूट और नई कारों में निर्माता कंपनी छूट देगी। उन्होंने बताया कि पुराने वाहनों के अलावा आग, प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, दंगा आदि में क्षतिग्रस्त वाहनों को भी उक्त केंद्र में निस्तारण किया जाएगा।
देश भर में जर्मनी, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन के मानकों को अपनाते हुए पीपीपी मॉडल पर उक्त केंद्र बनाए जाएंगे। केंद्र खोलने के लिए निजी जमीन होगी अथवा सरकार की ओर जमीन लीज पर मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए एक समर्पित पोर्टल बनाया जाएगा जिससे सिंगल विंडों काम किया जा सके। प्रोसेसिंग फीस के नाम पर एक लाख रुपये और बैंक गारंटी 10 लाख रुपये जमा करानी होगी। पंजीकरण 10 साल के लिए वैध होगा, इसके बाद पुन: नवीकरण कराना होगा।