बीते दिनों जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन धमाके जैसे अटैक को भविष्य में टालने के लिए भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम की खरीद शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, इस मेड इंडिया ड्रोन-रोधी सिस्टम का मुख्य हथिया लेजर आधारित होगा। भारतीय वायुसेना इन एंटी-ड्रोन सिस्टमों को अलग-अलग एयरबेसों पर तैनात करेगी।
बता दें कि बीती 27 जून को हमले के बाद वायुसेना ने एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने के लिए भारतीय कंपनियों को रिक्वेस्ट फॉर इनफॉर्मेशन (आरएफआई) भी जारी कर दिया है। वायुसेना ने आरएफआई में बताया है कि यह काउंटर अनआर्म्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (CUAS) ड्रोन का पता लगाने, उसको ट्रैक करने, पहचान करने और नष्ट करने में सक्षम होना चाहिए।
आरएफआई के मुताबिक, सिस्टम में ग्लोबल नेविगेशन सैटलाइट जैमर सिस्टम (GNSS) और रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमर भी होना चाहिए। बता दें कि ये फीचर्स इजरायल के ड्रोन डोम सिस्टम से मेल खाते हैं, जो कि साढ़े 3 किलोमीटर की दूरी से ही छोटे से छोटे टारगेट का पता लगाकर उन्हें लेजर तकनीक से गिरा देते हैं।
बता दें कि 27 जून को भारतीय वायुसेना के जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमले किए गए थे। भारत पर यह इस तरह का संभवतः पहला हमला था। ड्रोन के जरिए दो कम तीव्रता वाले विस्फोट किए गए थे। हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ माना जा रहा है। जांच में सामने आया है कि सीमा पार से लगभग ढाई किलोग्राम आरडीएक्स विस्फोटक के साथ बम को ड्रोन से भेजा गया था।