अभी नवरात्र खत्म नहीं हुए और प्याज अभी से आंसू निकालने लगा। चंडीगढ़ में गुरुवार को प्याज के 120 रुपये किलो पहुंचने की खबर है। लुधियाना में भी प्याज की कीमतें 100 रुपये तक पहुंच गई हैं। वहीं अगर पूरे देश की बात करें तो एक ही दिन में प्याज के रेट में 2 रुपये से लेकर 47 रुपये प्रति किलो तक उछाल आया है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक गुरुवार को बेंगलुरु में बुधवार को 40 रुपये किलो बिकने वाला प्याज गुरुवार को 47 रुपये महंगा होकर 87 रुपये पर पहुंच गया। वहीं दरभंगा में 40 से 62 रुपये, इंदौर में 45 से 55 रुपये पर और पटना में 10 रुपये महंगा होकर 65 रुपये कलो पहुंच गया। हालांकि सरकार के इन आंकड़ों और गली-मोहल्लों, साप्ताहिक बाजारों में प्याज के रेट में काफी अंतर है।
यहां 25 रुपये किलो बिक रहा प्याज
ऐसा नहीं है कि हर जगह प्याज लोगों का रुला ही रहा है। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों पर अगर विश्वास करें तो गुरुवार को गुजारत के राजकोट में प्याज सबसे सस्ता 25 रुपये किलो बिका। उत्तर प्रदेश के झांसी में यह 26 रुपये था तो प्रयागराज, जोधपुर, भोपाल, रीवा में 30-30 रुपये किलो। वहीं इस उछाल के बीच कुछ जगहों पर प्याज के भाव भी गिरे हैं। एर्नाकुलम में 10 रुपये किलो गिरकर यह 80 रुपये, पुणे में 9 रुपये सस्ता होकर 45 रुपये पर आ गया है।
प्याज की आसमान छूती कीमतों के पीछे ये हैं कारण
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अक्टूबर महीने में भारी बारिश की वजह से प्याज की फसल को नुकसान भी पहुंचा है, जिसके बाद सप्लाई कुछ कम हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लसलगांव में गुरुवार को एक क्विंटल प्याज की कीमत 7,050 रुपये तक पहुंच गई, जबकि एक महीने पहले तक यह कीमत 4,801 रुपये प्रति क्विंटल थी। लसलगांव की मंडी के सचिव नरेंद्र वधावने कहते हैं कि भारी बारिश की वजह से प्याज की काफी शॉर्टेज हो गई है। उन्होंने कहा, ”मंडी में इस समय 4 हजार क्विंटल प्याज मुश्किल से होगा, जबकि आमतौर पर 12 हजार से 15 हजार क्विंटल प्याज मौजूद रहता है।”