। एक लाख रुपये की रिश्वत लेते ब्वायलर निदेशक संदीप कुमार गुप्ता को श्रमायुक्त कार्यालय भवन स्थित उनके कार्यालय से विजिलेंस विभाग की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उन्हें काकादेव थाने लाया गया जहां से शुक्रवार को लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश किया जाएगा।
गाजियाबाद की ब्वायलर निर्माता कंपनी पंछी इंडस्ट्रियल सर्विसेज के मैनेजर अमित अग्रवाल ने एसपी विजिलेंस संजय कुमार से शिकायत की कि ब्वायलर निदेशक उनसे एक लाख रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। बिना रिश्वत वह ब्वायलर स्थापना का सर्टिफिकेट देने से मना कर रहे हैं। एसपी विजिलेंस ने तुरंत ही डायरेक्टर जनरल (विजिलेंस) भानू प्रताप सिंह को जानकारी दी तो उन्होंने रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथ पकडऩे की व्यवस्था करने को कहा।
आज दोपहर एसपी संजय कुमार की अगुवाई में टीम श्रमायुक्त भवन स्थित ब्वायलर निदेशक कार्यालय के बाहर पहुंच गयी। तय योजना के अनुसार पंछी इंडस्ट्रियल के मैनेजर अमित केमिकल पाउडर लगे नोटों का बंडल लेकर अंदर गए और उसे निदेशक संदीप कुमार गुप्ता को सौंपा। जैसे ही निदेशक ने नोट अपने हाथ में लिये, टीम भी अंदर पहुंच गयी। टीम ने उनके हाथ से नोटों का बंडल लेकर उनके हाथ पानी के मग में डाले तो पानी का रंग लाल हो गया। रिश्वत की पुष्टि होते ही टीम उन्हें काकादेव थाना ले आयी जहां पर मैनेजर अमित की लिखित तहरीर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गयी। एसपी विजिलेंस ने बताया कि निदेशक को शुक्रवार को लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश किया जाएगा।
अमूल प्लांट में लगा ब्वायलर
कानपुर देहात के बनासकांठा में अमूल डेयरी प्लांट लग रहा है। दो साल पहले इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। इसी प्लांट में गाजियाबाद की ब्वायलर निर्माता कंपनी पंछी इंडस्ट्रियल सर्विसेज ने ब्वायलर लगाया था। ब्वायलर लगाने के बाद निदेशक (ब्वायलर) को उसकी हाइड्रो टेस्टिंग कर ओके की रिपोर्ट देना होता है। रिपोर्ट के बाद ही ब्वायलर चलाया जा सकता है।
भाई बनकर पहुंचा इंस्पेक्टर
ब्वायलर निर्माता कंपनी के मैनेजर अमित अग्र्रवाल ने बताया कि रिपोर्ट के लिए उन्होंने निदेशक से 24 जनवरी को संपर्क किया तो निदेशक ने काफी लंबी मांग रखी और कहा कि रिपोर्ट तो मीटिंग होने के बाद लग ही जाएगी। मीटिंग के लिए निदेशक 30 जनवरी को गाजियाबाद पहुंचे जहां कंपनी ने उन्हें एक होटल में रुकवाया और 25 हजार रुपये का भुगतान भी किया। अमित के अनुसार निदेशक ने सवा लाख रुपये की मांग रखी और दो एक दिन में कानपुर में ही मिलने की बात कही। इसके बाद विजिलेंस के इंस्पेक्टर वाईएन शर्मा अमित के भाई बनकर 31 जनवरी को उनके कार्यालय में मिले जिसमें निदेशक को एक लाख रुपये देने के बाद रिपोर्ट मिलने पर सहमति बनी। तय हुआ कि दो फरवरी को पैसे का भुगतान किया जाएगा।