एक जनवरी 2020 से उपभोक्ताओं को फ्रिज और एसी जैसे उत्पाद खरीदने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जनवरी से ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियंसी (बीईई) फाइव स्टार रेटिंग देने के लिए नए मानक लागू कर देगा। इससे कंपनियों को कीमतों में छह हजार रुपये तक का इजाफा करना होगा।
बदल जाएगी निर्माण की तकनीक
उद्योग संगठन कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स एंड अप्लाइंसेस मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (CEAMA) ने कहा कि कंपनियों को फ्रिज और एसी में कूलिंग के लिए पारंपरिक फोम की जगह वैक्यूम पैनल इस्तेमाल करना पड़ेगा। यह उद्योग के लिए एक चुनौती होगा। इसके अलावा फ्रोस्ट फ्री और डायरेक्ट कूलिंग में एक स्टार का बदलाव होगा। CEAMA अध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि एनर्जी एफिसिएंशी नॉर्म्स में जनवरी से हो रहे बदलाव के कारण उद्योग को फाइव स्टार रेफ्रिजरेटर्स लाना मुश्किल होगा।
कंपनियों को करना होगा फैक्टरी में नया निवेश
इस तकनीक को लाने के लिए कंपनियों को अपनी फैक्टरी में नया निवेश करना होगा। हालांकि अभी कोई कंपनी नया निवेश नहीं करना चाहती है। लेकिन ऐसा न करने से कंपनियां अपने उत्पादों पर फाइव स्टार रेटिंग नहीं ले पाएंगी।
15 फीसदी बढ़ गई एसी की बिक्री
इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में एसी की बिक्री में 15 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। यह पहले से चल रहे 35 फीसदी ग्रोथ से ज्यादा है। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि वो एसी पर लगने वाले जीएसटी को कम करके 18 फीसदी स्लैब में लेकर आएं।
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का आकार साल 2024-25 तक दोगुना होकर 1.48 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण खपत में वृद्धि, खुदरा की बढ़ती पहुंच, ब्रांडों और उत्पादों के मूल्यों की एक बड़ी रेंज के कारण इसमें तेजी देखने की उम्मीद है।
सियेमा और फ्रॉस्ट एंड सुलिवन की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में उद्योग का कुल बाजार आकार 76,400 करोड़ रुपये था, जिसमें घरेलू विनिर्माण का योगदान 32,200 करोड़ रुपये का था। इस रिपोर्ट में एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, टीवी और ऑडियो उपकरण शामिल हैं।
2024-25 में एयर कंडीशनिंग बाजार का आकार 2018-19 के 65 लाख से 165 लाख यूनिट तक बढ़ने की उम्मीद है, जबकि रेफ्रिजरेटर खंड में 2018-19 की 145 लाख इकाइयों की तुलना में 275 लाख यूनिट तक उत्पादन बढ़ सकता है। इसी तरह टीवी बाजार का आकार 2018-19 की 175 लाख की तुलना में 2024-25 में बढ़कर 284 लाख यूनिट हो सकता है और वाशिंग मशीन खंड में 2018-19 की 70 लाख यूनिट से अगले पांच सालों में 126 लाख यूनिट तक हो सकती है।