कोरोना काल में बैंकों के लोन मोरेटोरियम की सुविधा देने वाले ऋण धारकों के लिए अच्छी खबर है.
अगर आपने लॉकडाउन के दौरान लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली है तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 4 नवंबर तक लोन मोरेटोरियम लेने वाले ऋण धारकों को वसूली गई ब्याज पर ब्याज की रकम लौटा दी जाएगी. मतलब ये कि लोन मोरेटोरियम सुविधा लेने वाले ऋण धारकों को दिवाली से पहले बैंक अकाउंट में पैसे आ जाएंगे. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज की छूट का फैसला जल्द ले और इस बाबत सर्कुलर जारी करे. अदालत ने कहा कि आम आदमी की दिवाली अब सरकार के हाथों में ही है. सरकार को ये निर्देश देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो नवंबर तक के लिए टाल दी थी. अब ये तो तय हो गया कि दो नवंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार अपनी इसी स्कीम और बैंकों को दिए गए निर्देश की जानकारी कोर्ट को देगी.
क्या है पूरा मामला
रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन के दौरान परेशान लोगों के लिए एक खास शुरुआत की थी. इस साल 1 मार्च से 31 अगस्त तक की अवधि में लोन की किस्त चुकाने से लोगों को राहत देते हुए मोरेटोरियम यानी किस्त टालने (बाद में चुकाने) की सुविधा दी थी. लेकिन रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह छूट दे दी कि वे इस दौरान के लिए बकाया पर ब्याज ले सकें. इस ब्याज वसूली का मतलब यह था कि बकाया लोन पर ऋण धारकों को चक्रवृद्धि ब्याज देना पड़ रहा था. ये एक तरह से एक्स्ट्रा बोझ था.