उत्तर बिहार में शनिवार की सुबह से दिनभर कहीं रिमझिम तो कहीं झमाझम बारिश हुई। बारिश के कारण सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में फिर से वृद्धि होने लगी है। गंडक और बूढ़ी गंडक में पानी बढ़ने से पूर्वी चम्पारण के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति फिर विकराल होने लगी है। इधर, समस्तीपुर में बागमती, बूढ़ी गंडक और करेह का पानी बिथान सहित पांच प्रखंडों में तबाही मचा रहा है।
दरभंगा में कमला और जीवछ नदी का पानी बेनीपुर और बिरौल प्रखंड के नए क्षेत्रों में पानी फैल रहा है। पश्चिम चम्पारण में शनिवार को औसतन 4.4 एमएम बारिश हुई। फिलहाल नदियों का जलस्तर सामान्य है। लेकिन जल्द ही पहाड़ी समेत अन्य नदियों में जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पूर्वी चम्पारण में गंडक नदी के जलस्तर में फिर वृद्धि होने लगी है। डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 90 सेमी ऊपर है। गंडक चटिया के जलस्तर में वृद्धि जारी है।
दरभंगा रेलखंड पर एक सप्ताह से बंद है परिचालन
समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला थम गया है, पर पानी कम नहीं हो रहा है। सात दिनों से समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बाधित है। रेलवे को प्रतिदिन ट्रेनों को रद्द करना पड़ रहा है, वहीं कुछ को डायवर्ट कर एवं आंशिक समापन कर दूसरे स्टेशनों से चलाया जा रहा है।
भागलपुर-जयनगर स्पेशल ट्रेन कल भी नहीं चलेगी
समस्तीपुर दरभंगा सेक्शन में मुक्तापुर-समस्तीपुर स्टेशन के बीच पुल पर बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है। इसलिए कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 05554 जयनगर-भागलपुर | स्पेशल 18 जुलाई को जयनगर से नहीं चलेगी।
कई नदियां लाल निशान से ऊपर पर बाढ़ का खतरा घटा
राज्य की कुछ प्रमुख नदियों का जलस्तर लाल निशान से ऊपर होने के बाद भी बाढ़ का खतरा कम हुआ है। केवल बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में खतरनाक संकेत दे रही है। गंगा तो दो दिनों से रोज नीचे उतर रही है। कोसी नदी का डिस्चार्ज शनिवार को और कम हुआ है। खगड़िया जिले में यह नदी भी लाल निशान से एक मीटर 108 सेमी ऊपर है। इस नदी से गुरुवार को बराह क्षेत्र में 91 हजार तो बराज पर एक लाख 27 हजार घनसेक पानी निकल रहा है।