उत्तर प्रदेश में कमजोर मानसून के बाद कई जगह उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल थे. 26 जुलाई के बाद से लगातार हो रही बारिश की शुरुआत में लोगों को राहत तो मिली लेकिन इसके बाद बारिश से प्रदेश भर में जन-जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. स्थिति ये है कि 26 जुलाई से 31 जुलाई की सुबह 11 बजे तक भारी बारिश, आंधी तूफ़ान और आकाशीय बिजली गिरने से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 92 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 66 घायल है, 54 पशुहानि और 500 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार पिछले चौबीस घंटे में ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में 12 लोगों की मौत हो गई, वहीं 7 लोग घायल हो गए. इनमें कानपुर देहात में 3 और हाथरस में दो लोगों की मौत हुई. वहीं चित्रकूट, औरैया, इलाहाबाद, उन्नाव, अमेठी, जौनपुर, फतेहपुर में एक-एक शख्स की जान चली गई. इसके अलावा 146 कच्चे-पक्के मकान व झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं.
उधर प्रदेश की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और कई जगह बाढ़ का संकट गहरा गया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में यमुना की उफान से कई गांव दहशत में हैं. पानी धीरे-धीरे सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि को अपनी जद में लेने लगा है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा, घाघरा आदि नदियों से लोग सहमे हुए हैं.
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश अफसरों को जारी किए हैं. इनमें बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावित जनपदों में कन्ट्रोल रूम चलाने के साथ ही राहत बचाव कार्य से जरूरी सभी इंतजाम करने के निर्देश शामिल हैं.
वहीं लगातार हो रही बारिश ने प्रदेश के तमाम बड़े शहरों में जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया है. राजधानी लखनऊ से लेकर आगरा, मुरादाबाद, कानपुर, वाराणसी सभी जगह जलभराव की समस्या आम हो गई है.