उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी को सीबीआइ की सेवा करने का लंबा अनुभव है। मूलरूप से सूबे की राजधानी लखनऊ के निवासी अवस्थी ने शुक्रवार शाम पदभार संभाला।
हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि पुलिस का आमजन के साथ व्यवहार सबसे अहम है। वह चाहे कोई थाना स्तर का हो या बीट स्तर का। मेरी प्राथमिकता होगी कि पुलिस का व्यवहार जैसा है, उससे और अच्छा हो। उन्होंने कहा कि सत्यनिष्ठा व ईमानदारी की संस्कृति पुलिस में पैदा की जाए। हमारा काम ऐसा होना चाहिए कि कोई अंगुली न उठाने पाए।
कार्यवाहक डीजीपी अवस्थी ने अपनी प्राथमिकताओं में पुलिस प्रशिक्षण व यातायात व्यवस्था को भी प्रमुख बताया। उन्होंने कहा कि यातायात की समस्या से हम सब दोचार होते हैं। वह इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को और बढ़ाएंगे। यातायात पुलिस की संख्या बढ़ाने की भी हिमायत की। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को बेहतर यातायात व्यवस्था मिले। महिला व बाल अपराधों पर नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इसे और आगे ले जाएंगे। यही बात साइबर अपराधों पर भी लागू होती है। साइबर क्राइम नई पीढ़ी का अपराध है, जो तेजी से बढ़ रहा है। इस पर वैज्ञानिक ढंग से नियंत्रण पाने का प्रयास किया जाएगा। अवस्थी ने कहा कि बीट व्यवस्था पुलिस की कार्यप्रणाली की रीढ़ है। लोगों में सुरक्षा का भाव तबतक नहीं आएगा, जब बीट प्रणाली बहुत प्रभावी नहीं होगी। इसे लेकर अभी कुछ प्रयोग किए गए हैंं।
पूर्व डीजीपी ओपी सिंह के कार्यकाल में बीट प्रणाली को लेकर की गई पहल को और आगे लेकर जाएंगे। जैसे-जैसे पुलिस बल की संख्या बढ़ रही है, उसके साथ इस व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अवस्थी ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग की गृह मंत्रालय की जो परिकल्पना है, उसमें यह सब बिंदु समाहित हैं। पुलिस को तकनीकी रूप से स्मार्ट बनाने का हर प्रयास किया जाएगा।राजनीति शास्त्र से परास्नातक व एमफिल करने के बाद 26 अगस्त 1985 में भारतीय पुलिस सेवा में आए हितेश चंद्र अवस्थी छह जुलाई 2017 को डीजी इंटेलीजेंस बने थे।
उन्हें एसपी के पद पर पहली तैनाती टिहरी गढ़वाल में जुलाई 1999 में मिली थी। वह एसपी हरिद्वार भी रहे। वर्ष 2002 में डीआइजी रहते हुए विशेष सचिव गृह के पद पर भी तैनात रहे। इसके बाद डीआइजी आजमगढ़ व आगरा रेंज भी रहे। कार्यकाल में दो बार प्रतिनियुक्ति पर करीब 12 वर्ष सीबीआइ में अलग-अलग पदों पर कार्यरत रहे। वह दूसरी बार प्रतिनियुक्त पर वर्ष 2008 में आइजी रहते हुए सीबीआइ में गए थे। प्रतिनियुक्त से वापस आने के बाद वह सितंबर 2013 से जनवरी 2016 तक एडीजी क्राइम के पद पर तैनात रहे। वर्ष 2016 में डीजी के पद पर पदोन्नत हुए अवस्थी डीजी टेलीकॉल, होमगार्ड, एंटी करप्शन व ईओडब्ल्यू भी रहे। कार्यवाहक डीजीपी के पद पर उनकी पूरे कार्यकाल की 33वीं तैनाती है। उनका कार्यकाल जून 2021 तक है।
नए डीजीपी के चयन के लिए अभी संघ लोकसेवा आयोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। वरिष्ठता सूची में डीजी हितेश चंद्र अवस्थी का नाम सबसे आगे है। माना जा रहा है कि शासन को आयोग की सूची का इंतजार है, जिसके बाद अवस्थी को डीजीपी के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वरिष्ठ सूची के क्रम के अनुरूप सुलखान सिंह को डीजीपी बनाया गया था।