एक तरफ जहां सलमान औऱ शाहरुख हर अवॉर्ड समारोह में खूब मन से शिरकत करते हैं, वहीं आमिर खान को इन समारोहों से मानों एलर्जी है।आखिर क्या वजह है कि बेहतरीन फिल्में करने के बावजूद आमिर की अवॉर्ड समारोह में नहीं जाते। हालांकि ऐसा नही है, आमिर पहले ऐसे समारोहों में जाते थे औऱ अपनी फिल्म के लिए पुरस्कार की आस भी रखते थे।
लेकिन एक बार ऐसा मौका आया जब आमिर को इन अवॉर्ड समारोहों से चिढ़ हो गई और उन्होंने कभी यहां शिरकत न करने की कसम तक खा ली।
समस्या की जड में जाएंगे तो आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन आमिर के साथ सहानुभूति भी होगी।
साल था 1992, उस साल आमिर की फिल्म जो जीता वो ही सिकंदर आई औऱ हिट रही।
ये वो साल था जब अनिल कपूर भी इंडस्ट्री में तहलका मचा रहे थे। लेकिन आमिर को उम्मीद थी कि उनकी फिल्म को कोई न कोई पुरस्कार जरूर मिलेगा।
समारोह आयोजित हुआ और उसमें बेस्ट हीरो के लिए तीन हीरो नामित किए गए।
पहले आमिर खान, दूसरे अनिल कपूर (बेटा के लिए) और तीसरे अमिताभ बच्चन (खुदा गवाह के लिए)
कयास लगाए जा रहे थे कि कड़ा मुकाबला अनिल और आमिर के बीच में है। आमिर तय मानकर बैठे थे कि एक नवोदित कलाकार के रूप में उनकी कलाकार को ईनाम जरूर मिलेगा।
लेकिन उम्मीद लगाए बैठे आमिर को उस वक्त झटका लगा जब बेस्ट हीरो के लिए अनिल कपूर को ये पुरस्कार दे दिया गया। हालांकि अनिल कपूर भी डिजर्व करते थे लेकिन आमिर को उस बात से बेहद तकलीफ पहुंची।
ये बात उन्हें इस कदर नागवार पहुंची कि उन्होंने अवॉर्ड फंक्शन को बेकार की चीज मानते हुए कभाी इनमें शिरकत न करने की मानों कसम ही खा ली।
आज चाहे जो भी हो जाए, आमिर किसी भी फंक्शन में पांव नहीं धरते। उनकी हर फिल्म को अवॉर्ड दिया जाता है लेकिन आमिर की पुरानी टीस इतनी बढ चुकी है कि वो इन समारोहो की शोभा बढ़ाने नहीं जाते।