इसी सप्ताह ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होगा, अब मरीजों को ऑक्सीजन के लिए नहीं भटकना पड़ेगा, 30 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता

हैलट अस्पताल में तीसरी लहर से पहले 100 बेड का अस्पताल मेटरनिटी विंग में लगभग बन कर तैयार हो गया है। यहां पर सूबे का दूसरा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लग गया है। पहले प्लांट नोएडा में लगा है। इस प्लांट को 30 जून को शुरू करना था लेकिन तकनीकी खामियों के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो पाई। अब इसी सप्ताह खामियां सुधार कर इससे ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।

इस सप्ताह शुरू होगा उत्पादन…
हैलट अस्पताल में लगे सूबे के दूसरे ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का काम पूरा हो चुका है। जयपुर से आए इंजीनियर और उनकी सहयोगी टीम ने मात्र 10 दिनों में प्लांट का इंस्टालेशन किया। ट्रायल रन में पाई गई कमियों को दूर कर इसी सप्ताह प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इस प्लांट के शुरू होते ही ऑक्सीजन की किल्लत से होने वाली दिक्कतें खत्म हो जाएगी। आपको बता दें कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत से सबसे ज्यादा मौतें इसी अस्पताल में हुई थी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया, इस प्लांट के शुरू होते ही यहां आने वाले मरीजों को ऑक्सिजन के लिए इस वर्ड से उसे वर्ड नहीं भटकना नहीं पड़ेगा। इस प्लांट से 10 टन प्रतिदिन उत्पादन किया जा सकेगा।

ब्रिटेन की एनजीओ ने दिया है यह प्लांट…
एलएलआर अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट ब्रिटेन के गैर सरकारी संगठन एसीटी ग्रांट ने प्रदान किया है। इस एनजीओ ने कोविड महामारी के दौरान हुई ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए देश भर में 100 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने का निर्णय लिया था, जिसमें से एक प्लांट जीएसवीएम मेडिकल कालेज में लगाया गया है। इस प्लांट की लागत लगभग एक करोड़ रुपये बताई जा रही है, जबकि इसके इंस्टॉलेशन में 50 लाख रुपये खर्च आया है। एसीटी ग्रांट ने क्लीन मैक्स के सहयोग से प्लांट की स्थापना कराई है।

प्लांट ऑपरेट करने की ट्रेनिंग
इंजीनियर और उनकी टीम ने ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग भी अस्पताल और मेडिकल कालेज के इलेक्ट्रिशियन को दी। साथ ही प्लांट के मेंटेनेंस के कार्य करने वाली एजेंसी व उसके ठेकेदार एवं कालेज की ऑक्सीजन मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्यों को भी ट्रेनिंग दी गई है। ताकि आपात स्थिति में इनमें से कोई भी प्लांट को ठीक से ऑपरेट कर सके।

तीसरी लहर से निपटने के लिए कन्वर्ट किया अस्पताल…
आपको बता दें कोरोना वायरस की दूसरी लहर के थमते ही संक्रमितों की संख्या सिमटने के साथ कोविड हास्पिटल भी खाली हो गए थे। कानपुर के सबसे बड़ा लेवल-थ्री जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का हैलट अस्पताल भी लगभग खाली हो गया था। अस्पताल परिसर स्थित 100 बेड मेटरनिटी विंग को उस समय बंद कर उसे तीसरी लहर के लिए रेनोवेट कर तैयार करने का आदेश दिया गया था। इस नए बने अस्पताल में 100 बेड का कोविड वर्ड बन गया है। इसमे तीसरी लहर से निपटने के पूरे इंतजाम हैं। कोविड आइसीयू बेड भी बढ़ाए गए है। इस विंग के तीसरे तल पर बच्चों के लिए 50 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) और 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार हो गया है, साथ ही यह पूरे अस्पताल में एयर कंडिशन होगा।

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