इंदौर: कोरोना की दूसरी लहर कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। मुक्तिधामों का हाल यह है कि रात तक शव पहुंच रहे हैं। रीजनल पार्क मुक्तिधाम समिति ने फैसला लिया है कि शुक्रवार से रात 8 बजे बाद चिताएं नहीं जलाई जाएंगी। लोगों को सुबह जल्दी अंत्येष्टि के लिए आने के लिए कहा जाएगा। यहां आठ लोगों का स्टाफ है और रात 10 बजे तक शव आने के कारण दो शिफ्टों में काम करना पड़ रहा है। उधर, पंचकुइया मुक्तिधाम में तय क्षमता से अधिक चिताएं जल रही हैं। यहां एक साथ 20 शवों की अंत्येष्टि की व्यवस्था है, लेकिन उससे अधिक शव आ रहे हैं। बुधवार को पंचकुइया मुक्तिधाम में 38 शव पहुंचे। जिनमें ज्यादातर कोविड के थे। ऐसे में प्लेटफार्म के नीचे भी चिताएं चल रही हैं। सेवादार गोपाल बोरोनिया ने बताया कि यहां पूर्व से ही टोकन व्यवस्था है। रात को आने वाले शवों की अंत्येष्टि भी यहां हो रही है। बुधवार को रात साढ़े सात बजे बाद दो शव पहुंचे थे।
25 शव एक दिन में आए
रीजनल पार्क मुक्तिधाम में पहले सात-आठ अंत्येष्टि होती थी, लेकिन बीते 10 दिनों से 15 से अधिक शव आ रहे हैं। मंगलवार को जहां इस मुक्तिधाम में 23 शव आए, वहीं बुधवार को 25 चिताएं जलीं। मुक्तिधाम समिति के संरक्षक मधु वर्मा ने कहा कि रोज लकड़ी के एक ट्रक की खपत हो रही है। अब मुक्तिधाम में रात 8 बजे के बाद अंत्येष्टि नहीं करने का फैसला लिया गया है। कोरोना से नहीं मरने वालों की शवयात्राओं में आने वाली भीड़ को भी समझाइश दी जा रही है कि तय संख्या मे ही लोग प्रवेश करें, क्योकि भीतर संक्रमण का खतरा ज्यादा है।