लॉर्ड्स के मैदान की बालकनी से वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाना दुनिया के हर क्रिकेट कप्तान का सपना होता है | और आज ये सपना या तो इंग्लैंड के कॅप्टन इयोन मॉर्गन का पूरा होगा या न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन का आप को बता दे दुनिया को क्रिकेट देने वाले देश का आज तक सपना ही रहा है | वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठाना दूसरी तरफ न्यूजीलैंड है जो अपनी पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी के लिए जी जान से लड़ेगा और इंग्लॅण्ड को कड़ी चुनौती देगा | अब रविवार को देखना होगा कि यह ट्रॉफी अंटार्टिक के नजदीक जाती है या थेम्स के किनारे ही रहती है। जहां तक भारतीय प्रशंसकों की बात है तो उनकी टीम बाहर हो चुकी है, लेकिन उन्हें इस निराशा से उबरकर क्रिकेट का समर्थन करना चाहिए और अच्छे मनोरंजन की उम्मीद करनी चाहिए। अब भारतीय बिना किसी टेंशन के फाइनल देख सकते हैं और इन दोनों में से किसी एक टीम का अपनी पसंद के मुताबिक समर्थन कर सकते हैं। वेस्टइंडीज (02), भारत (02), ऑस्ट्रेलिया (05), श्रीलंका (01) व पाकिस्तान (01) विश्व कप ट्रॉफी अपने नाम कर चुके हैं और अब रविवार को होने वाले 12वें विश्व कप में दुनिया को नया विश्व चैंपियन मिलना तय है। कभी टेस्ट क्रिकेट को सर्वेसर्वा मानने वाले इंग्लैंड ने विश्व कप फाइनल में पहुंचने के लिए अपने रवैये में काफी बदलाव किया है। 2015 विश्व कप के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड की टीम ने अपने दृष्टिकोण को सिरे से बदला। 1979, 1987 और 1992 में विश्व कप फाइनल हारने वाली इंग्लिश टीम 27 साल बाद फिर इस महाकुंभ के खिताबी मुकाबले में ताल ठोकेगी और इस बार उसके सामने पिछले विश्व कप की उप विजेता न्यूजीलैंड है। इंग्लैंड के लिए महत्वपूर्ण है विश्व कप : इंग्लैंड ने 1966 में फीफा विश्व कप जीता, लेकिन क्रिकेट में उसकी झोली खाली रही। फुटबॉल में गैरी लिनाकेर से लेकर डेविड बेकहम और हैरी केन तक कोई उसके बाद इंग्लैंड के लिए कप नहीं जीत सका। महिला फुटबॉल टीम भी सेमीफाइनल में हार गई। यहां पर युवा फुटबॉल देखते हैं तो बुजुर्ग और एशियाई मूल के लोग क्रिकेट। हालांकि उसकी महिला टीम ने 2017 में भारतीय टीम को हराकर विश्व कप फाइनल अपने नाम किया था। यहां पर क्रिकेट का मुफ्त प्रसारण भी नहीं होता है लेकिन इंग्लैंड के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद उस मैच को मुफ्त में प्रसारित किया गया। जगह-जगह बड़ी स्क्रीन लगा दी गई हैं। पहली बार इंग्लैंड में किसी वनडे टीम ने अपने जबर्दस्त आक्रामक खेल से क्रिकेटप्रेमियों का दिल जीत लिया है। पिछले विश्व कप में पहले चरण से बाहर होने के अपमान को उसने प्रेरणा की तरह लिया और शिखर पर जा पहुंची। अगर यह टीम विश्व कप जीतती है तो कम से कम इतना तो तय है कि इस देश में क्रिकेट दो कदम आगे बढ़ जाएगा।