कोरोना संक्रमण काल में बनारस की हवा एक बार फिर से साफ हुई है। विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार बनारस की हवा शुक्रवार को पूरे देश में सबसे साफ रही। बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 28 पहुंच गया। इससे पर्यावरणविदों व चिकित्सकों ने भी राहत की सांस ली है।
शुक्रवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बनारस का एक्यूआई 28 दर्ज किया गया। इसमें पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 15, औसत 9 और न्यूनतम 2 रही। पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 29, औसत 14 और न्यूनतम 6 रही। सल्फर डाई आक्साइड की अधिकतम मात्रा 31, न्यूनतम 23 , ओजोन की अधिकतम मात्रा 9 और न्यूनतम चार रही।
आईक्यू एयर की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, नाटी इमली का एक्यूआई 102, लंका का 71 और अर्दली बाजार का 27 दर्ज किया गया। बनारस के अलावा दिल्ली का एक्यूआई 121, लखनऊ का एक्यूआई 59, गुवाहाटी का 52, इंदौर का 91, कोलकाता का 54, लुधियाना का 95, कानपुर का 35, नोएडा का 110, पटना का 44, पुड्डुचेरी का 61, सिलीगुड़ी का 39 दर्ज किया गया।
प्रख्यात विज्ञानी प्रो. बीडी त्रिपाठी ने बताया कि यास के प्रभाव से हो रही बरसात के कारण वायुमंडल के प्रदूषक तत्व घुल गए हैं। वहीं हवा में धूल के कण बरसात से समाप्त हो गए हैं। इसके चलते ही बनारस की हवा में यह बदलाव नजर आ रहा है। यह कोरोना संक्रमितों के लिए भी बेहद अनुकूल है। हवा में आक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी और प्रदूषण का स्तर कम होने से सांस के रोगियों के लिए भी राहत की बात है।
दिन भर चलीं नम हवाएं, रुक-रुक कर हुई बारिश
बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवाती तूफान यास का असर दूसरे दिन भी शुक्रवार को भी देखने को मिला। बृहस्पतिवार को पूरी रात बारिश होते रहने के बाद शुक्रवार को भी दिन में रुक-रुक कर बारिश हुई और मौसम खुशनुमा बना रहा। मौसम विभाग के अनुसार, 2 दिनों में अब तक 33 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो शनिवार को भी तेज हवा के साथ झमाझम बारिश के आसार हैं।
तापमान की बात करें तो तीन दिन में 9 डिग्री की कमी दर्ज की गई है। बुधवार को जहां अधिकतम तापमान 35.0 डिग्री सेल्सियस था, वहीं बृहस्पतिवार को कम होकर 27.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जबकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 26.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि उत्तर पूर्वी नम हवा जिस तरह चल रही हैं, शनिवार को भी बारिश के आसार हैं। इस वजह से तापमान में भी कमी देखने को मिल सकती है।