आपके पास ऑक्सीजन है तो मरीज लाइए, नहीं तो हमारे यहां बेड नहीं… अस्पतालों में फोन करने पर मिलता है ये जवाब

कोविड मरीजों के लिए बेड के बाबत पूछने पर फोन उठाते ही अस्पताल की तरफ से कहा गया कि कोई बेड उपलब्ध नहीं है। राजधानी पटना के भूतनाथ रोड स्थित केपी सिन्हा मेमोरियल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मंगलवार शाम 4.20 बजे मोबाइल पर बताया गया कि कोविड मरीज के लिए एक भी बेड खाली नहीं है। कल दोपहर दो बजे के बाद एक बार फिर फोन करके पूछ लीजिएगा। खेमनीचक स्थित फोर्ड हॉस्पिटल में शाम 5.07 मिनट पर फोन किया गया। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि कोविड मरीज के लिए अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है। आज तो छोड़ दीजिए, कल भी खाली होने की संभावना कम है। इसके लिए सॉरी सर। 

जक्कनपुर स्थित श्रीराज ट्रस्ट हॉस्पिटल में शाम 5.18 मिनट में बात की गई वहां कहा गया कि आज तो कोई बेड नहीं है। कल सुबह 11 बजे बात कीजिएगा। यहीं बात मलाही पकड़ी कंकड़बाग स्थित आर्टिस मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तरफ से भी संवाददाता को शाम सवा पांच बजे कहा गया। शाम 5.21 बजे कंकड़बाग के कैलाशपुरी स्थित श्याम हॉस्पिटल में फोन करने पर बताया गया कि मरीज के लिए बेड खाली नहीं है। कोई इंतजाम नहीं हो सकता है।  शाम 5.19 मिनट पर प्रशासन द्वारा जारी सूची में 28 नंबर पर स्थित राजेन्द्र नगर आनंदिता अस्पताल को फोन किया गया। फोन उठाने के बाद बताया गया कि यह आनंदिता अस्पताल नहीं बल्कि सत्यम हॉस्पिटल है। उनके पास भी कोविड मरीज के लिए बेड खाली नहीं है। 

ऑक्सीजन का कर सकते हैं इंतजाम
शेमफोर्ड हॉस्पिटल में शाम 5 बजकर 12 मिनट पर फोन किया गया। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि वहां कोरोना पीड़ित मरीज के लिए बेड खाली नहीं है। कहा गया कि ऑक्सीजन के कारण छह मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया है। हर दिन जिला प्रशासन से ऑक्सीजन मिलने का केवल आश्वासन मिलता है। बीते दस दिन से यही हाल है लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिलता है। एक पेंशट पर चार सिलेंडर बड़ा वाला ऑक्सीजन की जरूरत होती है। कोविड मरीज बहुत तेजी से ऑक्सीजन लेते हैं। आपके पास इतना ऑक्सीजन का इंतजाम है। हमारे पास जो पेशेंट भर्ती है उनका ही ठीक से इलाज हो जाए वही बहुत है। मजिस्ट्रेट कॉलोनी स्थित सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने मोबाइल उठाने के बाद कहा कि उनके पास ऑक्सीजन की बड़ी समस्या है। लेकिन अगर मरीज की हालत ठीक नहीं है तो आप आ जाइए। आपको रात भर का सपोर्ट मैं दे सकता हूं। इसके बाद ऑक्सीजन का इंतजाम करना होगा। मेरे पास ऑक्सीजन बिल्कुल सीमित है। 

कई ने मोबाइल फोन काटा, कहीं स्वीच ऑफ
कई अस्पतालों ने सूची में दिए फोन नंबर को उठाया ही नहीं। कुछ अस्पतालों के मोबाइल बंद मिले। लोहियानगर स्थित जगदीश मेमोरियल हॉस्पीटल के मोबाइल पर शाम 5.25 बजे दो बार रिंग किया गया। पूरा रिंग होने के बावजूद फोन नहीं उठाया गया। इसी तरह पाटलीपुत्रा कॉलोनी स्थित मेडिपार्क अस्पताल को शाम 4.13 मिनट और बहादुरपुर फ्लाईओवर के नजदीक राजेश्वर हॉस्पीटल में शाम 4.24 बजे फोन किया गया लेकिन घंटी बजती रही फोन किसी ने नहीं उठाया। कंकड़बाग स्थित मेडिजोन हॉस्पीटल में शाम 5.26 बजे और कुम्हरार स्थित पुष्पांजलि हॉस्पीटल को शाम 4.22 बजे फोन किया गया लेकिन मोबाइल नंबर स्वीच ऑफ मिला। पाटलीपुत्र कॉलोनी स्थित सहयोग हॉस्पिटल को शाम 4.14 बजे फोन किया गया लेकिन अस्पताल का मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र बाहर होने की सूचना देता रहा। पाटलीपुत्रा कॉलोनी के ही एशियन सिटी हॉस्पीटल को 4.16 बजे फोन किया गया। लेकिन अस्पताल की तरफ से फोन काट दिया गया। शाम 4.17 बजे कुर्जी होली फैमिली हॉस्पीटल में फोन किया गया। घंटी बजने के बाद फोन उठाकर बिना बात किए रख दिया गया।

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