नई दिल्ली। यूपी के गाजियाबाद में जन्मे सुरेश रैना भारतीय क्रिकेट के लिए अहम ‘एसेट’ साबित हुए हैं. रैना को देश के पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी होने का गौरव हासिल है, जिसने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी20) में शतक लगाए हैं. मौजूदा समय में रैना को टीम इंडिया के सबसे चुस्त-दुरुस्त फील्डरों में शुमार किया जाता है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि एक वक्त था, जब रैना ने आत्महत्या का मन बना लिया था.
रैना ने बताया कि जब वे 13 वर्ष के थे तब लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में रहा करते थे. हॉस्टल में उनसे उम्र में बड़े कुछ लड़के उनको परेशान किया करते थे. एक बार वो और उनके साथी आगरा क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने ट्रेन से जा रहे थे. रात के समय रैना नीचे फर्श पर सो रहे थे, उसी दौरान उन्हीं लड़को में से किसी ने उनके ऊपर पेशाब कर दी थी. साथ ही उनसे मारपीट भी की गई थी.
रैना ने आगे बताया कि उनके पीने के दूध में कचरा डाल दिया जाता था. ठंडी के मौसम में सुबह तीन बजे ठंडा पानी डालकर जगाया जाता था. वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए जिसके चलते काफी डिप्रेशन में चले गए थे. इन्ही हरकतों के चलते कई बार उनके मन में आत्महत्या के विचार भी आये.