लखनऊ में अलकायदा आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एनकाउंटर में मारे गए खुरासन मॉड्यूल के आतंकी सैफुल्लाह के लखनऊ जेल में बंद साथियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। एटीएस उन युवाओं के बारे में भी जानकारी जुटा रही है जिन्हें इस ऑपरेशन के बाद ब्रेन वॉश करने का अभियान चलाया गया था। डीरेडिक्लाइज्ड किए गए युवाओं का काफी समय से पता नहीं है।
लखनऊ के दुबग्गा में जहां आतंकियों को गिरफ्तार किया गया वहीं से थोड़ी दूर 8 मार्च 2017 को एटीएस और पुलिस टीम ने 11 घंटे चले एनकाउंटर में आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था। उसने और उसके साथियों ने भोपाल में ट्रेन ब्लास्ट को अंजाम दिया था। उसके साथी दानिश और आतिफ गिरफ्तार हुए थे जिसके बाद जाजमऊ में पूरी टीम का खुलासा हुआ था। इसमें एटीएस और एनआईए की संयुक्त टीम ने जाजमऊ में छापेमारी कर सय्यैद मीर हुसैन, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद इमरान और मोहम्मद फैजल खान को गिरफ्तार किया था। और जांच की तो असलहा बेचने के मामले में लखना इटावा निवासी फकरे आलम, नवीन बस्ती औरैया निवासी शैलेंद्र यादव और बसरेहर इटावा निवासी रॉकी रानावत को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
28 युवाओं को किया था डीरेडिक्लाइज्ड
तत्कालीन आईजी एटीएस रहे असीम अरुण ने लखनऊ और कानपुर मिलाकर आतंकी घटनाओं से स्वप्रेरित 44 युवाओं को डीरेडिक्लाइज्ड किया था। इसमें उनका ब्रेन वॉश कर उन्हें सही रास्ते पर लाने का काम किया गया था। इसमें कानपुर से 28 युवा शामिल थे। हालांकि बाद में इनका क्या हुआ इसे लेकर कोई जानकारी एजेंसी के पास नहीं है। अब इस घटना के बाद से जेल में बंद आरोपितों के अलावा इन युवाओं के बारे में भी पता किया जा रहा है कि यह लोग कहां हैं और क्या कर रहे हैं।