अंसार गजवातुल हिंद के स्लीपर सेल का मकसद धमाकों के साथ वैमनस्यता फैलाना था। धार्मिक जुलूस के साथ ही भीड़-भाड़ वाले कई स्थान उसके निशाने पर थे। इन आपरेशन का संदेशा आकाओं ने मिनहाज व मुशीर को फ्लाइट, उड़न तश्तरी, खटमल जैसे कोडवर्ड में दिया था। मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी में ऐसे ही कई कोडवर्ड मिले हैं। इनमें से कई कोडवर्ड एटीएस ने डिकोड कर लिए हैं जबकि कई कोडवर्ड को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
11 जुलाई को गिरफ्तार किए गए मिनहाज और मुशीरुद्दरीन के पास से एक डायरी व कुछ कागज मिले थे। काले रंग की इस डायरी के अलग-अलग पन्नों में कोडवर्ड का इस्तेमाल करते हुए कई प्वाइंट लिखे थे। डायरी में कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से फोन पर बात करने के लिए ‘फ्लाइट’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। ई रिक्शा के लिए उड़न तश्तरी। इसी तरह मिनहाज से मिलने आने वाले दोनों कमाण्डरों के लिये कोडवर्ड में लिखा गया था कि दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ।
एटीएस सूत्रों का कहना है कि विशेष तारीखों पर निकलने वाले धार्मिक जुलूस मिश्रित आबादी क्षेत्र से होकर गुजरते हैं। ऐसे में धमाकों के बाद हिंसा भड़काने की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। एक्यूआईएस का सरगना उमर हलमंडी संभल का रहने वाला है। जो 21 साल पहले एक्यू आईएस के पहले इण्डियन कमांडर असीम उमर के साथ ही भागा था। असीम के मारे जाने के बाद से ही भारत में एक्यूआईएस की कमान उमर हलमंडी के हाथ में हैं। उसने भी पश्चिम यूपी में बड़े पैमाने पर अपना बेस तैयार किया है।