दो धड़ों में बंट चुकी सपा में सुलह सफाई की अटकलों पर मुलायम सिंह यादव ने फिलहाल पूर्ण विराम लगा दिया है। शिवपाल यादव और अमर सिंह के साथ दो घंटे की मैराथन बैठक के बाद मुलायम ने फिर खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष और शिवपाल को यूपी का अध्यक्ष बता कर अपने पुराने तेवर पर कायम रहने का साफ संदेश दे दिया।
उन्होंने राष्ट्रीय अधिवेशन को फिर से असंवैधानिक बताया और रामगोपाल यादव को इस अधिवेशन से पहले ही पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करने की बात दुहराई। तीनों नेता सोमवार को एक बार फिर से चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा कर पार्टी के नाम और निशान पर दावा ठोकेंगे। इस बीच लखनऊ से दिल्ली पहुंचे दोनों ही धड़ों के नेताओं के बीच जुबानी जंग चरम पर रही। अमर सिंह ने जहां रामगोपाल पर विधायकों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया, वहीं पलटवार करते हुए रामगोपाल ने कहा कि फर्जी लोग ही इस तरह की फर्जी बातें करते हैं।
सपा के दोनों धड़ों के बीच वरिष्ठ नेता आजम खान की सुलह सफाई की कोशिशें बेकार साबित होती दिख रही हैं।
लखनऊ से दिल्ली रवाना होने से पूर्व मुलायम का किसी भी तरह के विवाद से इनकार से दोनों धड़ों में विवाद खत्म होने की अटकलें लगनी शुरू हुई थी। मगर दिल्ली में बैठक के बाद मुलायम ने अपना पुराना तेवर बरकरार रखा।
सपा के दोनों धड़ों के बीच वरिष्ठ नेता आजम खान की सुलह सफाई की कोशिशें बेकार साबित होती दिख रही हैं।
लखनऊ से दिल्ली रवाना होने से पूर्व मुलायम का किसी भी तरह के विवाद से इनकार से दोनों धड़ों में विवाद खत्म होने की अटकलें लगनी शुरू हुई थी। मगर दिल्ली में बैठक के बाद मुलायम ने अपना पुराना तेवर बरकरार रखा।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक स्थिति यह है कि मैं सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, शिवपाल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और अखिलेश राज्य के मुख्यमंत्री हैं। पार्टी से पहले ही निष्कासित किए जा चुके रामगोपाल को न तो राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का हक था और न ही इस अधिवेशन में किए गए फैसलों का कोई कानूनी औचित्य है। प्रेस कांफ्रेंस से पहले मुलायम ने अपने निवास पर शिवपाल और अमर सिंह से लंबी मंत्रणा की। इसी बैठक में हथियार डालने के बदले डटे रहने और सोमवार को चुनाव आयोग के समक्ष नाम और निशान पर अपना दावा जताने की योजना भी बनी।
इस विवाद में मैं नेताजी के साथ हूं। उनका जो भी आदेश होगा, उसे बिना किसी हिचकिचाहट के पूरा करूंगा। जो कुछ भी हूं, नेताजी के कारण हूं। मरते दम तक उनके ही साथ रहूंगा।
इस विवाद में मैं नेताजी के साथ हूं। उनका जो भी आदेश होगा, उसे बिना किसी हिचकिचाहट के पूरा करूंगा। जो कुछ भी हूं, नेताजी के कारण हूं। मरते दम तक उनके ही साथ रहूंगा।
शिवपाल यादव
विधायकों के हस्ताक्षर फर्जी हैं। इस घर (सपा) को घर के ही चिराग से आग लग गई। अगर मेरे इस्तीफे से विवाद सुलझता है तो मैं इसके लिए तैयार हूं।
अमर सिंह
फर्जी लोग ही फर्जी बातें करते हैं। अमर सिंह नेताजी को भ्रमित कर रहे हैं। जो भी दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपे गए हैं, उन्हें नेताजी को भी भेजा गया था। उन्होंने दस्तावेज रिसीव नहीं किया।
रामगोपाल यादव