आपके शरीर में कितना होना चाहिए ऑक्सीजन लेवल और ये किस तरह बढ़ता है?
कोरोना वायरस के साथ साथ सबसे ज्यादा चर्चा ऑक्सीजन की हो रही है. ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर लगातार खबरें आ रही हैं और शरीर में ऑक्सीजन लेवल को लेकर भी कई रिपोर्ट्स आ रही हैं.
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यह आपके शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल होता है.
कोरोना का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. इस दौरान बीमारी के साथ साथ सबसे ज्यादा चर्चा ऑक्सीजन की हो रही है. ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर लगातार खबरें आ रही हैं और शरीर में ऑक्सीजन लेवल को लेकर भी कई रिपोर्ट्स आ रही हैं. ऐसे में लोग शरीर के ऑक्सीजन के लेवल को लेकर चिंतित है कि आखिर ये कितना रहना चाहिए और किस तरह इसे बढ़ाया जा सकता है. या फिर ऑक्सीजन लेवल किस तरह नापा जा सकता है और कब इस लेवल को लेकर चिंता करनी चाहिए.
ऐसे में अगर आपके मन में भी कोई सवाल है तो हम आपको जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं. इससे आप ना सिर्फ स्वस्थ्य रह सकते हैं, बल्कि आपातलकाल स्थिति में खुद का बचाव कर सकते हैं. जानते हैं ऑक्सीजन लेवल से जुड़ी हर एक जानकारी, जो आपको जानना आवश्यक है…
क्या होता है ऑक्सीजन लेवल?
यह आपके शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल होता है. इसका मतलब है कि आपके शरीर में रक्त कणिकाओं में कितनी ऑक्सीजन की मात्रा है. यह पर्सेंटेज के आधार पर मापी जाती है. जैसे अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 96 है तो इसका मतलब है कि महज चार प्रतिशत खून कोशिकाओं में ऑक्सीजन नहीं है. बढ़िया ऑक्सीजन मात्रा वाले ब्लड सेल्स और अन्य ब्लड सेल्स यानी कि चमकदार लाल और गहरे लाल ब्लड सेल्स के अनुपात के आधार पर ही ऑक्सीमीटर डिवाइस ऑक्सीजन सैचुरेशन को प्रतिशत में कैलकुलेट करती है और डिस्प्ले में रीडिंग बता देती है. यह काम ऑक्सीमीटर करता है.
अपनाएं ये टिप्स
डॉ केके अग्रवाल कहते हैं कि जिन लोगों के फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं कर रहे, उन्हें बेड या जमीन पर पेट के बल सोना चाहिए. जिसमें उनका पेट बिस्तर पर और पीठ ऊपर रहे. ऐसे सोने से फेफड़े पूरी तरह काम करने लगते हैं और शरीर में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता है.
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डॉ अग्रवाल का कहना है कि सोने के तरीके में थोड़ा बदलाव करने भर से ऑक्सीजन की कमी होने पर वेंटिलेटर की जरूरत को काफी हद तक कम किया जा सकता है. वहीं शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह और प्रसार को बेहतर किया जा सकता है.
कितना रहना चाहिए ऑक्सीजन लेवल?
स्वस्थ्य सामान्य व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 94-95 से 100 फीसदी के बीच होता है. 95 फीसदी से कम ऑक्सीजन लेवल इस बात का संकेत है कि उसके फेफड़ों में किसी तरह की परेशानी है. अगर ये ऑक्सीजन लेवल 92 या 90 फीसदी से नीचे चला जाता है तो ऐसे में आपको चिंता की जरूरत है. इसके बाद आपको डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए.
कैसे चेक कर सकते हैं ऑक्सीजन लेवल?
आप इस ऑक्सीमीटर के माध्यम से चेक कर सकते हैं. यह एक क्लिप की तरह होता है, जिसमें आपको अंगुली पकड़नी होती है. पल्स ऑक्सीमीटर ऑन करने पर अंदर की ओर एक लाइट जलती हुई दिखती है. यह आपकी त्वचा पर लाइट छोड़ता है और ब्लड सेल्स के रंग और उनके मूवमेंट को डिटेक्ट करता है. इससे आपके ऑक्सीजन लेवल का पता करता है.
क्या इसे बिना सिलेंडर के कंट्रोल में किया जा सकता है?
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है, स्वस्थ व्यक्तियों में जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 93-94 है उन्हें अपना सेचुरेशन 98-99 पर बनाए रखने के लिए उच्च प्रवाह ऑक्सीजन लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. आप इसे एक्सरसाइज आदि के माध्यम से भी कंट्रोल कर सकते हैं. डॉक्टर नरेश त्रेहन का कहना है, ‘बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है. अस्पताल के बेड का उपयोग विवेकपूर्ण और जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए. यह जिम्मेदारी हम सभी पर टिकी हुई है. अगर हम ऑक्सीजन का सही तरीके से इस्तेमाल करें तो हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है.’
कितनी देर में चेक करना चाहिए?
अगर आपको कोरोना के कोई लक्षण हैं तो आपको कम से कम हर 6 घंटे में ऑक्सीमीटर में अपना लेवल चेक करना चाहिए.
किस तरह बढ़ाए ऑक्सीजन लेवल?
अगर आप अपना ऑक्सीजन लेवल बढ़ना चाहते हैं तो आप कुछ एक्सरसाइज करके इसे कुछ पॉइंट बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा आप पेट के पल लेटकर और लंबी सांस लेकर भी इसमें बढ़ोतरी कर सकते हैं. साथ ही कई डॉक्टर्स का कहना है कि आप आसानी से घर बैठे भी ऑक्सीजन बढ़ा सकते हैं, इसके लिए आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है.