जिले में ब्लैक फंगस के दो मामले सामने आए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। एक केस में संक्रमित को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया है, जबकि दूसरे केस में संक्रमित के परिवार के लोग अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं।
मथुरा के मानस नगर निवासी 42 वर्षीय युवक की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद वे घर पर ही आइसोलेट हो गए और स्थानीय एक नर्सिंग होम के डॉक्टर का उपचार चलता रहा। कुछ दिन के बाद संक्रमित सही भी हो गया। दस मई को उनकी आंखों में कुछ परेशानी हुई और आंखें लाल हो गईं और दिखना कम होता गया। इसके बाद वृंदावन के ब्रज हेल्थकेयर एंड रिसर्च सेंटर में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने एनसीआर के अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
बुधवार को एनसीआर के अस्पताल में उन्हें ब्लैक फंगस होने की जानकारी मिली है। इधर, वृंदावन के बनखंडी क्षेत्र निवासी 72 वर्षीय महिला को भी ब्लैक फंगस की समस्या सामने आई है। 23 अप्रैल को कोरोना पॉजिटव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें राम कृष्ण मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था। 9 मई को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को घर भेज दिया गया। अस्पताल से आने के बाद से महिला को आंखों से दिखना बंद हो गया। इसके बाद परिवार के लोग अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं।
जिले में ब्लैक फंगस के मामले की अभी विभाग को जानकारी नहीं है। फिर भी इस संबंध में जानकारी जुटाई जाएगी।