भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सहित सहित कई अन्य नेता पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए सोमवार को एम्स पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह ने भी एम्स पहुंचकर जेटली की सेहत की जानकारी ली।
66 वर्षीय जेटली को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने और बेचैनी महसूस होने के बाद नौ अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, एम्स ने उनके स्वास्थ्य के बारे में 10 अगस्त से कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया है। उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए हाल के दिनों में कई बड़े नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया।
सूत्रों ने रविवार को बताया कि जेटली को एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सिजनेशन (ईसीएमओ) पर रखा गया है। डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। जेटली की कुशलक्षेम जानने के लिए एम्स पहुंचे आडवाणी के साथ उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी भी थीं।
पूर्व वित्त मंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए रविवार को अस्पताल जाने वालों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और गौतम गंभीर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, आरएसएस के संयुक्त महासचिव डॉ कृष्ण गोपाल और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने शुक्रवार को कहा था, ‘एम्स में जो सबसे बेहतर हो सकता है, डॉक्टर वैसा उपचार कर रहे हैं।’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए शुक्रवार को एम्स पहुंचे थे।
पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके पास वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे। खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था। उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी थी।