अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया, अफगान में कैसे होगी शांति और क्या होगा भारत का रोल

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत दौरे पर हैं। दौरे पर उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाकात की है और उसके बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को आए जहां अफगानिस्तान को लेकर अपनी बात रखी। अफगानिस्तान को लेकर ब्लिंकन ने कहा है कि, ‘रिपोर्ट्स बता रहे हैं आतंकी समूह तालिबान अत्याचार कर रहा है और यह बताता है कि अफगानिस्तान के लिए तालिबान के इरादे नेक नहीं हैं।’ 

ब्लिंकन ने कहा है कि अफगानिस्तान संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है। उन्होंने अफगान सरकार और तालिबान से बातचीत के जरिए समझौते का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि हम अफगानिस्तान में संघर्ष के समाधान के लिए पार्टियों को एक साथ लाने की कूटनीति में लगे हुए हैं।

ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस ले ली है लेकिन हम अफगानिस्तान के विकास कार्यों में लगे रहेंगे। हम अफगानिस्तान को सुरक्षा सहायता और आर्थिक रूप से समर्थन देते रहेंगे। तालिबान को लेकर उन्होंने कहा है कि वह अंतर्राष्ट्रीय मान्यता चाहता है लेकिन बलपूर्वक देश पर कब्ज़ा करके और लोगों के अधिकारों को खत्म करने से आप पर लगे प्रतिबंध नहीं हटाए जा सकते। 

सुब्रमण्यम जयशंकर ने अफगानिस्तान को लेकर क्या कहा है?

भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने अफगानिस्तान को लेकर कहा है कि, ‘पिछले दो दशकों में अफगान नागरिक समाज, विशेष रूप से महिलाओं, अल्पसंख्यकों और सामाजिक स्वतंत्रता के अधिकारों को मिले लाभ स्पष्ट हैं। अफगानिस्तान को कभी भी आतंक का घर नहीं होना चाहिए और न ही शरणार्थियों का स्रोत बनना चाहिए।’

जयशंकर ने आगे कहा है कि शांति वार्ता को सभी पक्षों द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दुनिया अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र, संप्रभु, शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तौर पर देखना चाहती है। यह तभी संभव है जब यह दुर्भावनापूर्ण प्रभाव से मुक्त हो।

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