भारतीय मूल के अमेरिकी जो कि अमेरिकी आबादी का लगभग एक फीसदी है, अब पहली बार उन्होंने वहां के कांग्रेस में अपना प्रतिनिधित्व एक फीसदी कर पाने में सफलता पाई है। फोर्ब्स की रपट के मुताबिक, भारतीय मूल का अमेरिकी समुदाय अभूतपूर्व राजनीतिक सफलता का अनुभव कर रहा है, क्योंकि सभी निर्वाचित पांचों भारतवंशी सदस्य कांग्रेस की प्रमुख समितियों में शामिल किए गए हैं।
पिछले साल के चुनाव के दौरान चार भारतीय अमेरिकियों -रो खन्ना, प्रमिला जयापाल, राजा कृष्णमूर्ति और कमला हैरिस- अमेरिकी कांग्रेस के लिए निर्वाचित हुए थे। जबकि पांचवें प्रतिनिधि अमी बेरा ने तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव जीता था।
सोमवार को प्रकाशित इस रपट में कहा गया है कि कांग्रेस के इतिहास में भारतीय मूल के प्रतिनिधियों के चुने जाने की यह सर्वाधिक संख्या है।
सैन फ्रांसिस्को स्थित गैरलाभकारी भारतीयस्पोरा संस्था के एम.आर. रंगास्वामी ने फोर्ब्स से कहा, “इस सूची में दर्जनों वरिष्ठ भारतीय अमेरिकी कर्मियों का नाम शामिल नहीं है, जो कैपिटल हिल में काम करते हैं।”
न्यायाधीश दिलीप सिंह सौंद पहले एशियाई अमेरिकी थे, जो 1956 में कांग्रेस के लिए चुने गए थे। उसके करीब चार दशक बाद बॉबी जिंदल लुइसियाना से प्रतिनिधिसभा के लिए चुने गए। इससे पहले वह लुइसियाना के सफल गर्वनर रह चुके थे।
रपट के मुताबिक, विधायी शाखा के अलावा, व्हाइट हाउस के लिए डोनाल्ड ट्रम्प का चुना जाना भी भारतवंशी समुदाय के लिए एक वरदान साबित हो रहा है।
दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर निक्की हेली पहली भारतवंशी हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया है। जबकि इंडियाना की सीमा वर्मा को सेंटर फॉर मेडिकेयर एंड मेडिसेड विभाग चलाने के लिए राष्ट्रपति ने नामित किया है।
कई अन्य भारतवंशियों को भी नए प्रशासन में अहम पदों पर नियुक्त किया गया है।