भारत मे हुए 26/11 मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा अभी अमेरिका में ही रहेगा। लॉस एंजिल्स की अदालत में इस बात को लेकर सुनवाई चल रही है कि क्या राणा को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के लिए भारत लाया जाएगा या नहीं। भारत सरकार के अनुरोध पर तहव्वुर राणा की व्यक्तिगत प्रत्यर्पण सुनवाई लॉस एंजिल्स में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चुलजियान की अदालत में हुई थी। चुलजियान ने गुरुवार को बचाव पक्ष के वकीलों और अभियोजकों को 15 जुलाई तक अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने का आदेश दिया है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में आरोपी है।
अमेरिका ने अदालत के समक्ष कई अभिवेदनों में ”प्रत्यर्पण के प्रमाणन संबंधी अनुरोध के पक्ष में अमेरिका के जवाब के समर्थन में घोषणा की है। राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने के मामले में भारत में वांछित है।
राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है। भारत के अनुरोध पर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोप में लॉस एंजिलिस में 10 जून, 2020 को फिर से गिरफ्तार किया गया था। मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गये थे। भारत ने उसे भगोड़ा घोषित किया है।
पाकिस्तानी मूल का 60 वर्षीय अमेरिकी नागरिक हेडली 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था। वह मामले में गवाह बन गया था और हमले में अपनी भूमिका के लिए वर्तमान में अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है।
अमेरिका का कहना है कि 59 वर्षीय राणा का भारत में प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुरूप है। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक, भारत सरकार ने राणा के औपचारिक प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है और अमेरिका ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अमेरिका सरकार ने दलील दी है कि भारत प्रत्यर्पण के लिए राणा सभी मापदंडों को पूरा करता है। अमेरिका ने कहा कि वह राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाणन का अनुरोध करता है और प्रत्यर्पण अनुरोध में संभावित कारण स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं तथा राणा ने भारत के अनुरोध को खारिज करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है।