ब्लॉक प्रमुख चुनाव की अचानक घोषणा से भाजपा को फायदा मिलने वाला है। भाजपा आज देर शाम से अपने प्रत्याशी घोषित करना शुरू करेगी। भाजपा द्वारा पूर्व में ब्लॉक प्रभारी बनाकर उनको जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी है। कानपुर – बुन्देलखण्ड के 14 जिलो में पार्टी के 17 जिलाध्यक्ष है। जिनमे भाजपा ने शतक लगाने का निर्णय लिया है। भाजपा का लक्ष्य लगभग 110 ब्लॉक प्रमुख की सीटों में से 100 प्रत्याशी जिताना है।
भाजपा ने चला गुरिल्ला दांव
अचानक ब्लॉक प्रमुख चुनाव की घोषणा को भाजपा का गुरिल्ला दांव बताया जा रहा है। ब्लॉक स्तर पर अपनी तैयारियां पूरी कर चुकी पार्टी के लिये कुछ ख़ास करना बाकी नही राह गया है। जबकि सपा को तैयारियों के लिये वक़्त ही नही मिल पाया है। भाजपा की प्रतिद्वंद्वी पार्टी सपा जिलापंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उलझी रही और मिली हार से अभी तक उबर नही पाई है। ब्लॉक प्रमुख के लिये 8 जुलाई तक नामांकन है। नाम वापसी के लिये 9 जुलाई के समय दिया गया है और 10 जुलाई को वोटिंग होगी।
14 जिलों में 110 से अधिक ब्लॉक प्रमुखों को साधने होंगे सदस्य
कानपुर बुन्देलखण्ड में 14 जिले आते है। जिनमे सबसे अधिक 13 जिलापंचायत अध्यक्ष भाजपा के खाते आ चुके है। यह बात अलग है कि पंचायत चुनाव में सपा बसपा और निर्दलीयों के मुक़ाबले सबसे बुरा प्रदर्शन भाजपा का रहा। 14 जिलो में लगभग 6 हजार 5 सौ से अधिक बीडीसी सदस्य 110 से अधिक ब्लॉक प्रमुख को चुनेंगे। इनसे संपर्क करने के लिये ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशियों को मात्र 5 दिन का वक्त मिला है।
भाजपा कई जगह समर्थन दे कर निकालेगी ब्लॉक प्रमुख
जिलापंचायत अध्यक्ष चुनाव की तर्ज पर भाजपा ब्लॉक प्रमुख में भी कई सीटों पर सिर्फ समर्थन देगी। जिन सीटो पर भाजपा के कई दावेदार चुनाव मैदान में है। ऐसे में एक प्रत्याशी पर सहमत नहीं बन पा रही है, या फिर कुछ ऐसे मामले भी हैं जहां भाजपा अपने प्रत्याशी निकालने में सक्षम नहीं है। इस तरह कई सीटों पर भाजपा बाहर से समर्थन देगी और प्रत्याशी के जीतने के बाद उसे भाजपा ज्वाइन कराई जायेगी। कुछ इसी तर्ज पर कानपुर देहात और फर्रुखाबाद में जिलापंचायत अध्यक्ष भाजपा ने निकाले हैं।
ब्लॉकों में 50 से लेकर 93 सदस्य
एक ब्लॉक में 50 से लेकर 93 सदस्य तक है। जिनमे सबसे ज्यादा कानपुर देहात के रसूलाबाद का ब्लॉक है। इस ब्लॉक में 93 बीडीसी सदस्य चुन कर आये है। जबकि कुछ ब्लॉक में बीडीसी सदस्यों की संख्या 50 तक ही है। ज्यादा सदस्य होने और ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है क्योंकि ब्लाक प्रमुख का चयन ग्राम पंचायत सदस्य यानी की बीडीसी ही करते हैं।