देशभर के 102 गांवों में पिछले हफ्ते 19 से 25 दिसंबर के बीच दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत बिजली पहुंचाई गई। विद्युतीकरण किए गए गांवों में असम के 17, बिहार के 9, छत्तीसगढ़ के 10, झारखंड के 29, मणिपुर के 5, ओडिशा के 30 और मध्यप्रदेश और राजस्थान का एक-एक गांव शामिल है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में कही बात पर अमल करते हुए भारत सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी 1 मई, 2018 तक शेष 18,452 गैर-विद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण करने का फैसला किया है।
इस परियोजना को अभियान के रूप में शुरू किया गया है और विद्युतीकरण की रणनीति में कार्यान्वयन की अवधि 12 महीनों में सीमित करना तथा गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया को निगरानी के लिए निश्चित समयावधि सहित 12 स्तरों में विभाजित किया गया है।
अब तक 11,429 गांवों का विद्युतीकृत किया जा चुका है। शेष 7,023 गांवों में से 698 गांवों में कोई बसावट नहीं है। 3,775 गांवों तक ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है, भौगोलिक बाधाओं के कारण 2,502 गांवों तक ऑफ ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है तथा 48 गांवों का विद्युतीकरण स्वयं राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बारीकी नजर रखी जा रही है और नियमित अंतराल पर कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे आरपीएम बैठक के दौरान मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा और उन गांवों की सूची को भी राज्य की बिजली कंपनियों से साझा किया जाता है, जहां विद्युतीकरण की प्रकिया जारी है। साथ ही ऐसे गांवों की भी पहचान की जाती है, जहां विद्युतीकरण की प्रक्रिया देरी से चल रही है।