भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी के सहारे टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। संभावित तीसरी लहर से पहले बच्चों के लिए वैक्सीन पर भी तेजी से काम हो रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के हवाले से कहा कि बच्चों पर भारत बायोटेक के कोवैक्सिन का परीक्षण चल रहा है और सितंबर तक परिणाम आने की उम्मीद है। परिणाम अगर पॉजिटिव आते हैं तो सितंबर या उसके अगले महीने से बच्चों को वैक्सीन दी जाने की पूरी उम्मीद है।
रणदीप गुलेरिया का यह बयान तब आया है जब कोवैक्सिन की दूसरी खुराक 2-6 साल के बच्चों को अगले सप्ताह दी जाने की संभावना है। दिल्ली स्थित एम्स में 6-12 साल की उम्र के बच्चों को कोवैक्सिन की दूसरी खुराक पहले ही दी जा चुकी है।
22 जून को, रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टुडे टीवी को बताया था कि सितंबर तक बच्चों के लिए एक कोविड -19 वैक्सीन उपलब्ध होगी। Covaxin के अलावा, बच्चों के लिए Zydus Cadila के टीके का परीक्षण भी वर्तमान में देश में चल रहा है।
बच्चों पर कोवैक्सिन का परीक्षण कब शुरू हुआ?
7 जून को, दिल्ली एम्स ने 2 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों की कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के लिए स्क्रीनिंग शुरू की। 12 मई को, DCGI ने भारत बायोटेक को दो साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति दी थी।
ट्रायल बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कैटेगरी में बांटकर किया जाता है, जिसमें हर उम्र के 175 बच्चों को शामिल किया गया है। दूसरी खुराक पूरी होने के बाद एक अंतरिम रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि टीका बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है।
कोविड -19 की तीसरी लहर के बड़े होने की आशंका के साथ, कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगली लहर में आनुपातिक रूप से अधिक संख्या में बच्चे संक्रमित होंगे। हालांकि, दिल्ली एम्स ने एक अध्ययन जारी किया जिसमें इस बात से इनकार किया गया है।