अफगानिस्तान: कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या, तीन दिन पहले बचने पर किया था ट्वीट, लकी हूं कि बच गया

अफगानिस्तान के हिंसाग्रस्त कंधार में जारी खून संघर्ष के बीच एक भारतीय पत्रकार की हत्या कर दी गई है। अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को सूचना दी कि कंधार में गुरुवार को भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की कवरेज के दौरान हत्या कर दी गई। वह कंधार में अफगान सुरक्षा बलों के साथ वहां के हालातों की रिपोर्टिंग कर रहे थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से जुड़े फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी पुलित्जर पुरस्कार विजेता थे। इससे पहले 13 जुलाई को भी भी दानिश पर हमला हुआ था, जिसमें वह बाल-बाल बचे थे।

अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने ट्वीट किया, ‘कल रात कंधार में एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की दुखद खबर से बहुत परेशान हूं। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ कवरेज कर रहे थे। मैं उनसे 2 हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था। उनके परिवार और रायटर के प्रति संवेदना।’

अफगानिस्तान के टोलो न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सिद्दीकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में की गई थी। हालांकि, इसने घटना के बारे में और अधिक विवरण नहीं दिया। इससे पहले 13 जुलाई को हुए हवाई हमले में बचने के बाद दानिश ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी और कहा था कि वह भाग्यशाली थे कि बच गए। 

उन्होंने 13 जुलाई को अपने ट्वीट में लिखा था- जिस हम्वी (बख्तरबंद गाड़ी) में मैं अन्य विशेष बलों के साथ यात्रा कर रहा था, उसे भी कम से कम 3 आरपीजी राउंड और अन्य हथियारों से निशाना बनाया गया था। मैं लकी था कि मैं सुरक्षित रहा और मैंने कवच प्लेट के ऊपर से टकराने वाले रॉकेटों के एक दृश्य को कैप्चर कर लिया।’

सिद्दीकी ने हाल ही में एक पुलिसकर्मी को बचाने के लिए अफगान विशेष बलों के मिशन पर रिपोर्ट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे वह पुलिस का जवान अपने साथियों से अलग हो गया था और तालिबान से घंटों तक अकेले ही लड़ा था। दानिश ने अपनी रिपोर्ट में उन तस्वीरों को भी शामिल किया था, जिसमें अफगान बलों के वाहनों को रॉकेट से निशाना बनाया गया था।

ऐसी खबर है कि इसी नाम के प्रांत की राजधानी दक्षिणी शहर कंधार में और उसके आसपास तालिबानियों और अफगान बलों  के बीच भीषण लड़ाई जारी है। तालिबान ने शहर के पास के प्रमुख जिलों पर कब्जा कर लिया है। कंधार में हालात अब बिगड़ते जा रहे हैं और यह जंग का अखाड़ा बन चुका है। 

कंधार के इसी बिगड़ते हालात के मद्देनजर भारत ने 10 जुलाई को कंधार में वाणिज्य दूतावास से लगभग 50 राजनयिकों, सहायक कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों को भारतीय वायु सेना की उड़ान से निकाला और वापस बुलाया। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com