पाकिस्तान में ‘आतंकी हमले’ में चीनी नागरिकों के मारे जाने से ड्रैगन अपने सदाबहार दोस्त से नाराज हो गया है। बस में हुए विस्फोट को गैस लीक का नतीजा बता चुके पाकिस्तान को चीन ने दो टूक कहा है कि यदि वह आतंकवादियों से नहीं निपट सकता है तो चीनी सैनिकों को अपने मिसाइलों के साथ मिशन पर भेजा जा सकता है। बता दें, कि इससे पहले चीन आतंकवाद पर पाकिस्तान का हर स्तर पर बचाव करता आया है। यूएन में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के भारतीय प्रयासों में उसने कई बार रोड़े अटकाए थे।
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने एक ट्वीट में कहा, ”इस हमले में शामिल कायर आतंकी अब तक सामने नहीं आ पाए हैं। लेकिन जरूर उन्हें तलाशा जाएगा और खत्म कर दिया जाना चाहिए। यदि पाकिस्तान की क्षमता पर्याप्त नहीं है, इसकी मंजूरी से चीन की मिसाइलों और स्पेशल फोर्स को काम पर लगाया जा सकता है।” यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब बीजिंग ने कहा है कि पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में एक बस में हुए विस्फोट ने इसके 9 कर्मचारियों की जान ले ली। हालांकि, इस्लामाबाद ने इसे गैस लीक का नतीजा बताया था। चीन की जांच पर अविश्वास जाहिर करते हुए चीन ने कहा था कि वह भी अपनी जांच टीम भेजेगा।
निर्माणाधीन दासू बांध स्थल तक चीन के इंजीनियर और कामगारों को लेकर जा रही बस में विस्फोट होने से 9 चीनी नागरिकों और फ्रंटियर कोर के दो सैनिकों सहित कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 39 अन्य व्यक्ति घायल हो गए। एक सरकारी बयान के मुताबिक, खान ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच मजबूत दोस्ती है जो समय की कसौटी पर खरा उतरी है। उन्होंने कहा, ”किसी भी शत्रु ताकत को पाकिस्तान और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
खान ने ली को आश्वासन दिया कि घटना की जांच के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जाएगा और पाकिस्तान में चीनी नागरिकों, कामगारों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा उनकी सरकार की उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग शोकसंतप्त परिजन के दर्द से वाकिफ हैं और पाकिस्तान घायल चीनी नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा दे रहा है।