इन लोगों ने दिया इस्तीफा
30,142 करोड़ का हुआ घाटा
प्राइवेट सेक्टर इन दिनों मंदी की जबरदस्त मार झेल रहा है। कई मल्टीनेशनल कंपनियों पर आर्थिक मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी में देश की अग्रणी कंपनियों में शामिल रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) भी इससे अछूती नहीं है।
कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को जुलाई-सितंबर की तिमाही में करीब 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। उच्चतम न्यायालय द्वारा सांविधिक बकाये पर फैसले के मद्देनजर देनदारियों के लिए प्रावधान की वजह से कंपनी का घाटा इतना ज्यादा पहुंच गया है।
दिवाला प्रक्रिया में चल रही कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,141 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। उच्चतम न्यायालय के दूरसंचार कंपनियों के सालाना समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की गणना पर फैसले के मद्देनजर कंपनी ने 28,314 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
आरकॉम की कुल देनदारियों में 23,327 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क और 4,987 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क शामिल है। आरकॉम और उसकी अनुषंगियों ने 1,210 करोड़ रुपये के ब्याज और 458 करोड़ रुपये के विदेशी विनिमय उतार-चढ़ाव के लिए प्रावधान नहीं किया है।
आरकॉम ने कहा कि यदि इसके लिए प्रावधान किया जाता तो उसका नुकसान 1,668 करोड़ रुपये और बढ़ जाता। तिमाही के दौरान कंपनी की परिचालन आय घटकर 302 करोड़ रुपये रह गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 977 करोड़ रुपये थी।
बंबई शेयर बाजार में आरकॉम का शेयर शुक्रवार को 3.28 फीसदी टूटकर 59 पैसे पर बंद हुआ।