वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले युद्ध ग्रस्त देश अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम करने का आदेश दिया है। यह जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सोमवार को दी। उन्होंने कहा कि इसके लिए समयसीमा दे दी गई है। अगस्त 2017 में ट्रंप ने दक्षिण एशिया के लिए अपनी रणनीति का खुलासा किया था।
इसमें उन्होंने काबुल सरकार के साथ लगभग 18 वर्षों से चल रहे युद्ध को खत्म करके तालिबान को शांति वार्ता के लिए मजबूर करने के लक्ष्य के साथ अमेरिकी सेनाओं की वापसी आह्वान किया था। विदेश मंत्री पोम्पिओ ने इकोनॉमिक क्लब ऑफ वॉशिंगटन डीसी में एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह निर्देश उन्हें दिया है। ट्रंप ने 2016 में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने और अमेरिका की सबसे लंबी लड़ाई को खत्म करने की घोषणा की थी।
ट्रंप प्रशासन ने अफगानिस्तान में संबंधित पक्षों के साथ बातचीत तेज की हुई है। अफगानिस्तान संधि के लिए अमेरिका के विशेष दूत जलमी खलीलजाद तालिबान के साथ वार्ता कर रहे हैं। टाइमलाइन के खुलासे से अटकलें तेज हो जाएंगी कि ट्रंप तालिबान विद्रोह से निपटने के लिए तैयार हैं, जो अमेरिकी मतदाताओं के चुनाव में जाने से पहले कम से कम आंशिक अमेरिकी वापसी की अनुमति देगा।
पोम्पेओ की टिप्पणियां एक नाजुक समय में आई हैं, जब संयुक्त राज्य अमेरिका विद्रोहियों के साथ एक और दौर की वार्ता में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। शुक्रवार को विदेश विभाग ने कहा कि पोम्पिओ और अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने युद्ध को समाप्त करने के लिए “प्रयासों में तेजी लाने” के लिए फोन पर सहमति व्यक्त की थी।