प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फरमान के बाद अंतिम दिन बैंकों में पुराना नोट जमा करने के लिए इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। वहीं नगर सहित ग्रामीणांचलों के 50 फीसदी एटीएम बंद दिखे। एटीएम के बाहर भी पहले की अपेक्षा कम ही भीड़ देखने को मिली।
यहीं नहीं पैसा जमा करने आए लोगों से भी बैंक के कर्मचारी यह पूछने से बाज नहीं आए कि इतना पैसा अब तक कहां था और अब कहां से आ गया। हालांकि आरबीआई ने 30 दिसंबर तक पुराने नोटों का जमा करने की समय सीमा निर्धारित की थी। फिर भी बैंक अधिकारियों की टोकाटोकी से उपभोक्ताओं ने जलालत महसूस की। उपभोक्ताओं ने कहा कि अगर आरबीआई ने पुराने नोटों का जमा करने के लिए निर्धारित समय का अंतिम दिन है, तो बैंकों को पैसा जमा करने में कोई पूछताछ करने का हक नहीं बनता है।