सावधान! आपकी गाड़ी के नंबर का न हो जाए दुरुपयोग, ई-चालान से पकड़ में आ रहा फर्जीवाड़ा

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गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले करमेंद्र द्विवेदी के मोबाइल फोन पर चालान कटने का मैसेज आया तो वह हैरान रह गए। जिस वक्त वह अपनी बाइक पर दिल्ली में भ्रमण कर रहे थे, उसी समय नोएडा में उनका चालान कटना चौंकाने वाला था।

करमेंद्र की शिकायत पर हुई जांच में और भी हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई। दरअसल, ई-चालान प्रणाली के तहत कैमरे में कैद तस्वीर स्कूटी सवार दो युवतियों की थी। उनकी स्कूटी पर करमेंद्र की बाइक का नंबर लिखी प्लेट लगी थी।

ट्रैफिक कंट्रोल रूम पहुंचे करमेंद्र ने बताया कि 22 नवंबर को उनके मोबाइल पर चालान कटने का मैसेज आया था। बिना हेलमेट दुपहिया चलाने का अपराध चालान पर अंकित था। चालान काटे जाने का स्थान ग्रेटर नोएडा का शाहबेरी दर्शाया गया।

चालान पर लगी फोटो में स्कूटी पर बिना हेलमेट लगाए दो युवतियां सवार दिखाई दे रही थी। नंबर प्लेट पर शिकायतकर्ता की गाजियाबाद से रजिस्टर्ड बाइक का नंबर अंकित था।

इस मामले ने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को भी अचंभे में डाल दिया। इसके बाद एसपी ट्रैफिक अनिल कुमार झा की तरफ से वाहन स्वामियों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। समय-समय पर चालान का स्टेटस जांचने की अपील की है।

फर्जी नंबर पर दौड़ रहा ऑटो पकड़ा

सोमवार को सेक्टर-12/22/56 तिराहे पर लाल बत्ती पार करते ऑटो को ट्रैफिक पुलिस ने रोका तो एक और फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। ऑटो के आगे नंबर नहीं लिखा था, जबकि पीछे लिखा नंबर भी स्पष्ट नहीं था।

पिछले हिस्से पर यूपी-16 और साइड में यूपी-14 लिखा देख ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को शक हुआ। चालक के पास दस्तावेज नहीं थे। एक घंटे बाद जब वह दस्तावेज लेकर आया तो उससे चेसिज नंबर का मिलान नहीं हुआ। मौके पर मौजूद टीएसआई जैनेंद्र गंगवार ने कंट्रोल रूम को सूचना देकर ऑटो और चालक को थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

कहीं बढ़ न जाए परेशानी
नंबर प्लेट का दुरुपयोग आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। आपके वाहन की नंबर प्लेट का इस्तेमाल कोई और तो नहीं कर रहा, इसकी अपटेड लेते रहें। ऑनलाइन भी अपने वाहन के चालान से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए echallanparivahan.gov.in पर लॉगइन कर चालान का स्टेटस जाना जा सकता है।

अपडेट कराते रहें जानकारी

वाहन खरीदने के दौरान डीलर मोबाइल नंबर भी फॉर्म में भरने लगे हैं। कुछ साल पहले तक कम ही ऐसा किया जाता था। ऐसे में मोबाइल नंबर न होने की वजह से कई लोगों को चालान कटने की सूचना नहीं मिल पाती।

कई लोग पता भी बदल चुके हैं तो चालान उन तक नहीं पहुंच पाता। ऐसी स्थिति में वाहन स्वामियों को परिवहन विभाग की मदद लेकर अपनी जानकारी अपडेट करा लेना चाहिए। ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कई बार गलत चालान की जानकारी न होने पर लोग भुगतान कर देते हैं।

यातायात नियम तोड़ने वाले वाहनों पर कैमरों की निगरानी कई भेद खोल रही है। जांच के आधार पर चालान तो निरस्त कर दिया जाएगा लेकिन फर्जी नंबर प्लेट लगे वाहनों की तलाश थाना पुलिस को करनी होगी।-अनिल कुमार झा, एसपी ट्रैफिक

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