कोरोना संक्रमण के साथ ही अब ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वाराणसी स्थित बीएचयू अस्पताल में पिछले दिनों दो मरीजों के ऑपरेशन के बाद बुधवार को ब्लैक फंगस से पीड़ित एक कोरोना संक्रमित महिला का सफल ऑपरेशन हुआ। ईएनटी डिपार्टमेंट के डॉक्टर सुशील कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद महिला को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहां डॉक्टरों की टीम निगरानी कर रही है।
ब्लैक फंगस के मामलों को देखते हुए सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है। बुधवार को ब्लैक फंगस से पीड़ित कोरोना संक्रमित 50 वर्षीय महिला का ईएनटी डिपार्टमेंट के चिकित्सकों की टीम ने सफल ऑपरेशन किया। डॉक्टर सुशील कुमार अग्रवाल ने बताया कि महिला में ब्लैक फंगस का असर बहुत ज्यादा हो रहा था। उसके चेहरे पर काला काला फफूंद पड़ गया था।
ऑपरेशन के दौरान उसका जबड़ा, आंख निकालना पड़ा। इसके अलावा गाल के नीचे की हड्डी भी निकालना पड़ी। अब एंटी फंगल दवाइयां चलेंगी। बताया कि जब बिल्कुल ठीक हो जाएंगी तब नकली जबड़ा लगाया जाएगा। गाल की हड्डी भी लगेगी।
ऑपरेशन करने वाली टीम में डाक्टर रजत, डाक्टर सिल्की, डाक्टर अक्षत, डॉक्टर रामराज शामिल है। बताया कि तीन ऑपरेशन हो चुके हैं, बाकी जिन तीन मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट का इंतजार है, वह इमरजेंसी में भर्ती हैं। इसमें एक मरीज तो घर चला गया है, जब रिपोर्ट आएगी, तब आएगा। बाकी दो की रिपोर्ट का इंतजार है।
ब्लैक फंगस से पीड़ित जिस महिला का ऑपरेशन बुधवार को किया गया, उसको रिकवर होने में लंबा समय लग सकता है। डॉ. अग्रवाल के मुताबिक फिलहाल वह कोविड वार्ड में है, उसकी सेहत की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। अब उसे एंटीफंगल दवाइयां भी दी जाएंगी।
शुगर,बीपी वालो में है अधिक खतरा
डॉ. सुशील कुमार अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के ऐसे मरीज जो पहले से बीपी शुगर से ग्रसित होते हैं, उनमें ब्लैक फंगस की आशंका अधिक रहती है। कोरोना को मात देने के बाद अगर धुंधला दिखे, शुगर तेजी से बढ़ने लगे, चेहरे पर जगह-जगह फफूंद जैसे धब्बे दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जितनी तेजी से ब्लैक फंगस का संक्रमण फैल रहा है उसको लेकर सजग रहने की जरूरत है।