रिटर्न दाखिल न करने पर पूर्वांचल के 2000 व्यापारियों को मिली बड़ी सजा

 रिटर्न ‘वार्षिक विवरणी’ दाखिल न करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध वाणिज्य कर विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। वाराणसी समेत पूर्वांचल  के 12 जिलों के ऐसे दो हजार व्यापारियों के टिन (टैक्सपेयर आइडेंटिफिकेशन नंबर) विभाग ने निरस्त कर दिए हैं।
 tax-evasion_1474871886
साथ ही, टिन निरस्त करने के लिए सैकड़ों अन्य व्यापारियों को नोटिस जारी होने से हड़कंप मच गया है। विभाग की तरफ से उन कारोबारियों को भी नोटिस भेजा जा रहा है जिन्होंने अब तक जीएसटी में पंजीकरण नहीं कराया है।

वैट में वार्षिक कारोबार पांच लाख रुपये से ज्यादा होने पर पंजीकरण होता था। जबकि, जीएसटी में यह सीमा 20 लाख रुपये है। ऐसे कारोबारियों की संख्या तीस हजार से ज्यादा है, जिन्होंने अब तक पंजीयन नहीं कराया है।

वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, भदोही, सोनभद्र, मिर्जापुर, आजमगढ़, मऊ आदि 12 जिलों के जिन व्यापारियों का टिन रद्द किया गया है, उन्होंने एक साल या उससे अधिक समय से रिटर्न दाखिल नहीं किया है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सैकड़ों और भी व्यापारी हैं जिन्होंने वार्षिक विवरणी नहीं जमा किया है। उन पर भी जल्द गाज गिर सकती है।

रिटर्न दाखिल करने के साथ ही नियमबद्ध कारोबार और सरकारी रियायतों, सुविधाओं के लिए टिन जरूरी होता है।
वाणिज्य कर कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम के निर्देशानुसार जल्द ही वाराणसी जोन के एडिशनल कमिश्नर आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक भी करेंगे।
इसमें जिन व्यापारिक फर्मों पर छापे की कार्रवाई की गई है, उनके बारे में जानकारी कर उन पर देय वैट का आंकलन किया जाएगा।
वाराणसी परिक्षेत्र के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन एके गोयल ने बताया कि रिटर्न जमा नहीं करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
वाराणसी परिक्षेत्र के जिलों में 98 हजार 782 पंजीकृत व्यापारी हैं। 
 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com