राजधानी लखनऊ में कोविड मरीज कम होने से ऑक्सीजन की खपत भी घट गई है। अब सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में 24 घंटे से अधिक का बैकअप है। अस्पताल प्रभारियों का कहना है कि ऑक्सीजन की खपत कम हुई है। इससे बैकअप लगातार बढ़ रहा है।
लोकबंधु अस्पताल में दो हफ्ते पहले तक करीब 190 से अधिक मरीज भर्ती थे। हर रोज करीब 400-500 सिलेंडर की खपत रहती थी। इसमें अस्पताल को 200-250 सौ सिलेंडर बड़ी मुश्किल से मिल पा रहे थे। मरीजों का ग्राफ गिरने से अब यहां महज 120-150 जंबो सिलेंडर की खपत है। वहीं, बलरामपुर अस्पताल के तीन सौ बेड पर भर्ती के लिए ऑक्सीजन का संकट था। ऐसे में यहां 400-500 सिलेंडर की जरूरत रोजाना पड़ रही थी। अब यह आंकड़ा 200-250 पर पहुंच गया है। अस्पताल निदेशक डॉ. संतोष ने बताया कि अस्पताल के पास 24 घंटे का बैकअप है।
इसी तरह एरा मेडिकल कॉलेज में 11 टन ऑक्सीजन की जरूरत पहले थी। अब यह घटकर चार से पांच टन पर आ गई है। अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ. एमएम फरीदी ने बताया कि अस्पताल में अभी भी 200 मरीज भर्ती हैं। ऑक्सीजन बैकअप अब बढ़कर 24 घंटे हो चुका है। इंटीग्रल में अभी 45 मरीज भर्ती हैं। इसमें अधिकतर मरीज आईसीयू में भर्ती हैं। संस्थान में अब 150 सिलेंडर की खपत हो रही है। जबकि पहले 300 से अधिक सिलेंडर की खपत थी।
केजीएमयू व लोहिया संस्थान में खपत घटी
केजीएमयू व लोहिया संस्थान में भी ऑक्सीजन की मांग कम हुई है। मरीज कम होने संग ही ऑक्सीजन की मांग लगातार कम हो रही है। केजीएमयू के ट्रॉमा सीएमएस डॉ. संदीप के मुताबिक, संस्थान में पहले 25 से 30 टन की खपत रोज थी। जो कि अब से घटकर 15 टन के करीब आ गई है।
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश ने बताया कि ऑक्सीजन की मांग कम हुई है। बाइपैप, वेंटिलेटर व आईसीयू में मरीजों को फिलहाल अभी जरूरत पड़ रही है। संस्थान में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। बैकअप भी कई दिनों का है।